फर्रुखाबाद— केंद्र सरकार से लेकर प्रदेश सरकार तक जननी सुरक्षा के लिए सालाना करोड़ो रूपये खर्च कर रही है।लेकिन अधिकारियों के सहयोग से प्रसूताओं को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं को ठेकेदार पलीता लगा रहे है।जिससे प्रसूताएं परेशान दिखाई दे रही है।
दरअसल मामला फर्रुखाबाद जिले का सबसे बड़ा राममनोहर लोहिया महिला अस्पताल का है।जहां पर लगभग 15 दिनों से प्रसूताओं को दूध फल की बात छोड़ो उनको जो दो समय भोजन दिया जाता है वह भी नही दिया जा रहा है।आखिर वह बचाया हुआ रुपया किसके खाते में जा रहा है।प्रसव होने के बाद प्रसूताओं को तीन दिनों तक अस्पताल में रखा जाता है।जिसमे उनके इलाज के साथ साथ सुबह दूध ब्रेड,खाना फिर शाम को खाना दिया जाता था।लेकिन वर्तमान में उन प्रसूताओं को कुछ नही दिया जा रहा है।
पिछले15 दिनों में लगभग 50 से अधिक महिलाओं का अस्पताल प्रसाशन द्वारा प्रसव कराया जा चुका है।ठेकेदार अपनी मन मर्जी से काम करते है।किसी भी अधिकारी का दवाव नही है या अधिकारियों की सह पर घपलेबाजी कर रहे है यह सोचने की बात है।एक प्रसूता की डाइट का लगभग में 100 रुपया सरकार द्वारा दिया जाता है।फिर भी भोजन नही दिया जा रहा है।महिला अस्पताल में प्रसूताओं को भोजन न दिए जाने को लेकर सीएमएस डॉक्टर कैलाश दुल्हानी ने बात की गई तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में महिलाओं को भोजन नही मिल रहा है यह बात सही है।क्योंकि जिसका कारण यह है।
ठेकेदार द्वारा जिस महिला को भोजन बनाने से लेकर खिलाने तक का कार्य कर रही थी।लेकिन ठेकेदार ने उसको राशन का रुपया नही दिया फिर भी वह अपने पास से भोजन व दूध का इंतजाम करती रही धीरे धीरे ठेकेदार पर रसोइया का 46 हजार रुपया बकाया हो गया जिससे उसने खाना बनाना बन्द कर दिया है।उस ठेकेदार के खिलाफ सीएमओ को पत्र लिख दिया है जिसमे उसके ठेके को निरस्त करने की मांग मैने की है।दूसरी तरफ सीएमओ साहब से बात चल रही है जिससे प्रसूताओं को भोजन उपलब्ध कराया जा सके।
(रिपोर्ट-दिलीप कटियार,फर्रुखाबाद)