यहां सरकारी योजनाएं आने से पहले ही तोड़ देती है दम, स्कूली बच्चे खुले में शौच जाने को मजबूर

बाराबंकी — ग्रामीण क्षेत्रों और प्राइमरी स्कूलों में लगातार एक के बाद एक सरकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिसके चलते इन क्षेत्रों में रह रहे लोगों को उनके स्वस्थ्य जीवन और उज्ज्वल भविष्य को मजबूत किया जा सके…

और उनके विकास और तरक्की के लिए सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये यू पानी की तरह बहा भी दिया जाता है। लेकिन क्या ये पानी की तरह बहाया गया पैसा क्षेत्र की शिक्षा प्रणाली और ग्रामीण विकास में दिखाई देता हैं ? आइए आपको इसकी हकीकत से भी रूबरू करवा दे ।

दरअसल ये हैं राजधानी लखनऊ के सबसे करीबी जिला बाराबंकी जहां से 15 किलोमीटर दूर तहसील रामनगर पड़ती हैं। वैसे यहां रामनगर की पहचान किसी से छिपी नही हैं। क्योंकि इसी तहसील में ऐतिहासिक महादेवा भी हैं। इसी क्षेत्र में बिकना गांव और प्राथमिक स्कूल भी आता हैं, जहां विकास और बच्चों के भविष्य संवारने के नाम पर सिर्फ मजाक होता हैं। वजह आपके सामने दिख रही तस्वीरों से साफ साफ इस क्षेत्र में तरक्की की  कहानी जुबा कर रही हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बाराबंकी के इसी तहसील में पिछले दिनों वृक्षारोपण भी करने पहुचे थे जिसके बाद खासकर इस बदहाल स्थिति में पड़े स्कूलों के विकास और तररक्की पर भी अधिकारियों को निर्देश दिए थे लेकिन कोई फर्क नही पड़ा। यहां के नागरिकों को शौचालय गांव में गंदी नालियों सहित कई समस्याओं से इन क्षेत्र वासियों को जूझना पड़ता हैं।

अब सवाल हैं इन समस्याओं का निस्तारण आखिर करेगा कौन जबकि यहां के विधायक शरद अवस्थी ने क्षेत्र में विकास की गंगा बहाने का वादा करके सपा के पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप को हरा कर सरकार में पहुचे थे। वहीं बेशिक शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह का कहना हैं बजट मिल चुका हैं जल्द ही मरम्मत और रंग रोगन का कार्य शुरू हो जाएगा।

(रिपोर्ट-हुमा हसन,बाराबंकी)

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