परिषदीय स्कूलों में बांटी गई हिन्दी की किताबों में बड़ी चूक !

फर्रुखाबाद–प्रदेश में सरकार सरकारी स्कूलों के शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए करोड़ो रुपया खर्च कर रही है वही शिक्षा विभाग द्वारा जो सरकारी स्कूलों में बच्चो को पढ़ाने के लिए किताबे बांटी जा रही है।

उनकी छपाई किस आधार पर कराई जा रही है।यह कोई बताने को तैयार नही है जिले में अभी सभी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में किताबे पहुंच तक नही पाई है जिन स्कूलो में किताबे पहुंची है।उनमें से माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 7 कि किताब मंजरी में तुलसीदास पाठ में रामचरितमानस के रचनाकार तुलसीदास जीवन चरित्र में उनका जन्म स्थान एटा जिले के सोरो में होना बताया गया है।वही जब बच्चे कक्षा 7 में एटा में तुलसीदास का जन्म स्थान पढ़ेंगे उसके बाद कक्षा 8 में महान व्यक्तित्व की किताब में पाठ 9 में उन्ही का जन्म स्थान चित्रकूट के गांव राजापुर होना बताया गया है।

एक महापुरुष दो जिलो में जन्म कैसे ले सकता है। दूसरी तरफ अन्य किताबो में लिखा देखा गया कि तुलसीदास ने बाबा नरसिंहदास के पास रहकर 15 वर्ष तक शिक्षा ग्रहण जरूर की, जो एटा जिले सोरो नामक स्थान पर आश्रम था लेकिन बाद में वह अपने जन्म स्थान वापस लौट गए थे।

बीएसए राम सिंह ने बताया कि कितावो में तुलसी दास का जन्म स्थान दो स्थानों पर लिखा है उसके लिए डायट को अवगत कराया जायेगा कि बच्चों को कौन सा जन्म स्थान पढाया जाए।उसके बाद शिक्षकों को आदेश दिया जायेगा कि कौन सा जन्म स्थान सही है उसी को पढाये।

(रिपोर्ट-दिलीप कटियार, फर्रूखाबाद)

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