हरदोई--उत्तर प्रदेश सरकार लोगों के स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े वादे करती है लेकिन उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। बदहाली का आलम यह है की हरदोई से चालीस किलोमीटर दूर सरकारी अस्पताल को लोगों ने भूसा घर बना दिया है।
अस्पताल में चारो तरफ झाड़ उगा है तो अस्पताल के कमरे में भूसा भरा हुआ है। अस्पताल में मरीज तो आते हैं लेकिन डॉक्टर नदारद रहते है और जहां पर साफ सफाई होनी चाहिए वहां पर गंदगी का आलम चारो तरफ पसरा हुआ है। अब सरकारी अस्पताल की ऐसी तस्वीरें सामने आने के बाद बड़ी आसानी से समझा जा सकता है की सरकारी स्वास्थ्य महकमा किस कदर खुद बीमार है।
हरदोई के स्वास्थ्य विभाग के नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अहिरोरी ब्लाक के घनश्याम नगर कस्बे में नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सरकारी अस्पताल है जहां डॉक्टरों और स्टाफ को होना चाहिए था।ग्रामीण इलाके में इस अस्पताल में लेकिन डाक्टरों के नाम पर सन्नाटा पसरा हुआ है। अस्पताल के आध कमरों को छोड़कर सभी कमरे बंद है। यहां एक-दो मरीज अस्पताल में डॉक्टर की आस में बैठे हैं लेकिन अस्पताल में काम के नाम पर महज एक फार्मेसिस्ट की ही तैनाती है उनकी भी अभी एक पखवाड़े पूर्व इस अस्पताल में पोस्टिंग हुई है। अस्पताल में एक कमरे में कुछ दवाएं तो रखी हैं लेकिन मरहम पट्टी के नाम पर जरा सी रुई है। अस्पताल में चारों तरफ गंदगी का आलम पसरा हुआ है तो अस्पताल के एक कमरे में भूसा भरा हुआ है। भूसा किसका है और किसने इस अस्पताल को भूसा घर बना रखा है इसकी जानकारी अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट को भी नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग के मुखिया मुख्य चिकित्सा अधिकारी का अस्पतालों के पर्यवेक्षण के नाम पर लंबा चौड़ा डीजल का बिल भी बनता है लेकिन शायद यह पर्वेक्षण सरकारी कागजों में ही सीमित रहता है तभी उनको इस अस्पताल की जमीनी हकीकत और इसके अस्पताल से भूसाघर में तब्दील होने की जानकारी आज तब लगी जब अस्पताल बने इस भूसाघर पर मीडिया की नजर पडी। अब अस्पताल को भूसा घर बनाने की तस्वीरों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के मुखिया पूरे मामले में कार्यवाही की बात कर रहे हैं।
(रिपोर्ट – सुनील अर्कवंशी , हरदोई )