गोण्डा- घाघरा नदी का बढ़ा जलस्तर, ग्रामीणों में मची अफरा-तफरी

गोण्डा– भीषण गर्मी के बाद अब देश भर में मानसून ने दस्तक दें दी है, और इसी के साथ अब नदियों में बाढ़ का खतरा भी मंडराने लगा है। ऐसा ही कुछ हाल गोंडा जिले की घाघरा नदी का है। जिलके जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी से आस पास के ग्रामीणों की बेचैनी बढ़ गयी है।

लगातार रुक-रुककर हो रही तेज़ बारिश व नेपाल द्वारा छोड़े जा रहे पहाड़ी पानी से नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है और इसी बढ़ते जलस्तर ने बाढ़ की भी संभावनाओं को और ज्यादा बढ़ा दिया है। नेपाल से छोड़े जा रहे पानी से गोण्डा में भी घाघरा नदी व सरयू नदी का भी स्तर बढ़ने लगा है और ये नदिया खतरे के निशान को छूने के लिए बेताब हो रही हैं।

106 मीटर पर घाघरा का निशान खतरे का है और इस नदी का जलस्तर इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि 102.936 से बढ़कर आज 103.002 तक पंहुच गया जो कि खतरे के निशान से मात्र एक मीटर नीचे है। नदियों के लगातार बढ़ रहे जलस्तर ने बाढ़ के खतरे को और बढ़ा दिया है साथ ही ग्रामीणों की परेशानी भी बढ़ गयी है।

गोण्डा के परसपुर क्षेत्र के इकनिया माझा के पास कई जगहों पर घाघरा नदी का पानी बांध से सटकर तेजी से बह रहा है। यहाँ पसका पंचायत में बने भिखारीपुर-सकरौर तटबन्ध के स्तर संख्या चार व पांच से सटकर बह रही घाघरा नदी से तटबन्ध पर खतरा के संकेत दे दिए हैं।

तरबगंज विधानसभा के इकनिया माझा व बच्ची माझा के पास भी बांध के स्तर चार व पांच के बीच उफनाई घाघरा नदी तटबन्ध को ठोकरें मार रही है। जिससे ग्रामीणों की धड़कनें तेज हो गयी हैं। नदी के बांध से सटकर तेजी गति से जल प्रवाह होने से बांध में लगातार कटान हो रहा है जिसे रोकने के लिये बोल्डर व ईंट भरकर बोरी व जाल डालकर बांध को मजबूत किया जा रहा है। इस पूरे मामले पर जिले के डीएम कैप्टन प्रभांशु श्रीवास्तव ने बताया कि प्राप्त

जानकारी के अनुसार नेपाल व ऊपर के क्षेत्रों में काफी बारिश हुई है और नदी का जलस्तर बढ़ रहा है जिस पर हमने अपनी सभी बाढ़ चौकियां एक्टिवेट कर दी है। एसडीएम कर्नलगंज व तरबगंज दोनों मौके पर हैं और इस हिसाब से अगले 36 घण्टे कुशल हैं। जलस्तर बढ़ रहा है तो जो भी व्यवस्थाएं की जानी चाहिए वो हम कर रहे है जबकि नदी का जलस्तर अभी खतरे के निशान से एक मीटर नीचे है।

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