बहराइच — कतर्नियाघाट संरक्षित वन्य क्षेत्र में शिकार के आरोप में जेल में निरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय गोल्फर व शूटर ज्योति रंधावा की गुरुवार को जनपद न्यायाधीश की अदालत पर जमानत पर सुनवाई होनी थी।
लेकिन जनपद न्यायाधीश ने जमानत पर सुनवाई के लिए 14 जनवरी को तिथि तय की है। जबकि रंधावा पर बढ़ाई गई नई धाराओं पर सीजेएम के न्यायालय पर रिमांड पर बहस हुई। अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद सीजेएम ने डिजीसी क्रिमिलन व वन विभाग के अधिवक्ताओं की अर्जी को स्वीकार करते हुये रंधावा के न्यायिक रिमांड को मंजूरी दे दी है।
गुणगांव निवासी ज्योति रंधावा अपने साथी महाराष्ट्र निवासी महेश विराजदार के साथ गत २६ दिसंबर को कर्तनियाघाट के मोतीपुर रेंज में शिकार करते हुये गिरफ्तार हुये थे। रंधावा के पास से प्रतिबंधित चीतल की खाल, रायफल, कारतूस व अन्य समान बरामद हुये थे। वन विभाग की ओर से रंधावा व महेश पर रेंजकेस दर्ज कर दीवानी न्यायालय में रिमांड मजिस्ट्रेट के न्यायालय के समक्ष पेश किया था। रिमांड मजिस्ट्रेट ने 14 दिनों न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। रंधावा और उसका साथी महेश तब से जेल में बंद है।
गुरुवार को जनपद न्यायाधीश उपेंद्र कुमार के न्यायालय पर रंधावा की जमानत पर बहस होनी थी। लेकिन गुरूवार को जनपद न्यायाधीश ने तिथि को आगे बढ़ाते हुये 14 जनवरी की तिथि तय की है। अब रंधावा की जमानत पर बहस 14 जनवरी को जनपद न्यायाधीश के न्यायालय पर होगी।
हालांकि इस बीच रंधावा पर वन विभाग की ओर से दो और धाराएं विवेचना में बढ़ाई गईं। इसका पत्र न्यायालय पर प्रस्तुत किया गया। सीजेएम नवनीत भारती के न्यायालय पर वन विभाग के विवेचक की ओर से मुकदमें में बढ़ाई गई धाराओं के मामले में डीजीसी क्रिमिनल संतप्रताप सिंह, वन विभाग के अधिवक्ता सुरेश कुमार यादव ने रंधावा को रिमांड पर लेने के लिए प्रार्थनापत्र दिया।
इसपर रंधावा की ओर से सुप्रीमकोर्ट के अधिवक्ता विनय गर्ग व सहयोगी अधिवक्ता अविनाश चंद्र ने रिमांड पर विरोध जताते हुये बढ़ी हुई धाराओं पर जमानत के लिए प्रार्थनापत्र देते हुये बहस की। सीजेएम ने डीजीसी क्रिमिनल व वन विभाग के अधिवक्ता की रिमांड प्रार्थनापत्र को स्वीकार करते हुये बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं जमानत अर्जी को निरस्त कर रिमांड को मंजूरी दे दी है। डीजीसी क्रिमिनल संतप्रताप सिंह ने बताया कि अब 14 जनवरी को जनपद न्यायाधीश के न्यायालय पर अभियुक्तगणों की जमानत अर्जी पर बहस होगी।
(रिपोेर्ट-अनुराग पाठक,बहराइच)