सोनभद्र — खनिज सम्पदा से भरपूर सूबे का सोनभद्र जिला अब विश्व पटल पर आने वाला है। पिछले कई वर्षों से सोने की तलाश कर रहे भू वैज्ञानिकों को आखिरकार सफलता मिल ही गई है। जिले में दो जगह सोने के अयस्क मिले हैं , जिनकी कुल मात्रा तीन हजार टन सोने के अयस्क से करीब डेढ़ हजार टन सोने का खनन किया जाएगा। इनके खनन के लिए नीलामी प्रक्रिया से पूर्व योगी सरकार ने जिओ टैगिंग की कार्रवाई शुरू कर दी है।
गुरुवार को यह सात सदस्यी टीम इन स्थानों का निरीक्षण किया जो अपनी रिपोर्ट शासन को 22 फरवरी तक सौपेगी। उत्तर प्रदेश के विभाजन के बाद सूबे का सोनभद्र सर्वाधिक प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर जिला है। यहां की धरोहर में कई तरह की खनिज सम्पदा विद्यमान है। जिसकी खोज भारत सरकार द्वारा समय समय पर किया जाता है। वर्ष 2005 से चोपन विकास खण्ड के हर्दी गांव में जिओलॉजिकल एवं भूगर्भ विभाग द्वारा सोने के अयस्क समेत अन्य खनिज सम्पदाओं के खोज किया गया है। जिसमे सर्वाधिक मात्रा सोन अयस्क की है।
यहां सोने के उत्खनन का रास्ता साफ होने से पहले खनिज निदेशालय जिओ टैगिंग करवा रहा है। जिओ टैगिंग के लिए शासन ने 7 सदस्यीय टीम गठित की है। यह टीम 22 फरवरी तक शासन को रिपोर्ट सौंपेगी। जिसके बाद ब्लाकों की नीलामी की प्रक्रिया योगी सरकार द्वारा की जाएगी। भूगर्भ विभाग के वैज्ञानिकों को जांच में दुद्धी ब्लाक के महुली में 2943.26 टन और सोन पहाड़ी में 646.15 किलोग्राम सोने का भंडार मिला है। टीम ने 8 साल पहले ही ज़मीन के अंदर सोना होने की पुष्टि कर दी थी। अब यूपी सरकार ने भी अब तेजी दिखाते हुए सोने को बेचने के लिए ई-नीलामी प्रक्रिया शुरु कर दी है।
अध्ययन करके सोनभद्र में सोना होने के बारे में टीम ने बताया था और इस बात की पुष्टि भी 2012 में कर दी थी। टीम ने बताया था कि सोनभद्र की पहाड़ियों में सोना मौजूद है। जीएसआई के अनुसार महुली में 2943.26 टन और सोन पहाड़ी में 646.15 किलोग्राम सोने का भंडार मिला है।अब जब सोने की खान का पता चल चूका है तो सरकार द्वारा गठित टीम जिओ टैगिंग करने के बाद ई-टेंडरिंग के जरिए ब्लॉक्स की नीलामी प्रक्रिया शुरू करेगी।
सोनभद्र के जिला खान अधिकारी केके राय ने बताया कि जीओलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया और भूगर्भ विभाग ने स्वर्ण धातु , पोटास , इंडोसाईड और आयरन पर जांच किया है। जिले में सदर तहसील के हर्दी और पनारी गांव के सोन पहाड़ी में स्वर्ण धातु मिला है। दुद्धी तहसील के महुली में इंडोसाईड है, घोरावल तहसील के घोरिया गांव में पोटास और भरहरी गांव में लौह अयस्क मिला है। इस स्वर्ण धातु के उत्खनन का रास्ता साफ होने से पहले खनिज निदेशालय जिओ टैगिंग करवा रहा है। जिओ टैगिंग के लिए शासन ने 7 सदस्यीय टीम गठित की है। यह टीम जांच के बाद 22 फरवरी तक अपनी रिपोर्ट शासन को देगी। जिसके आधार पर शासन इन खनिज सम्पदाओं के स्थल का नीलामी प्रक्रिया करेगी। यहां स्वर्ण धातु के खनन होने से लोगो को रोजगार की अपार सम्भावना है।
वही जिओलॉजी विभाग के कर्मचारी बी.बी. सिंह का कहना है कि वर्ष 2005 से हर्दी क्षेत्र की पहाडियो में सोने की जांच चल रही है। यहां इन पहाडियो में कितनी मात्रा में सोना मिला है इसके विषय मे भूगर्भ विभाग ही बता पायेगा।
(रिपोर्ट-रविदेव पाण्डेय,सोनभद्र)