लखनऊ– बेसिक शिक्षा विभाग ने अब अपने इनोवेटिव शिक्षकों को खुश करने का तरीका खोज निकाला है। इसके लिए विभाग ने उनको फेलोशिप देने का निर्णय किया है। इसका खाका क्या हो, इसकी राय भी विभाग ने शिक्षकों से ही मांगी है।
शिक्षा में मौलिक और अभिनव पहल करने वाले शिक्षकों को यह फेलोशिप दी जाएगी। इसके पीछे विभाग का उद्देश्य शिक्षकों में सकारात्मक प्रतिस्पर्द्धा का विकास और शैक्षणिक गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने सभी शिक्षकों ने सुझाव मांगे हैं। उन्होंने कहा है कि इनोवेटिव शिक्षकों के लिए फेलोशिप प्रोग्राम शुरू करने की प्रक्रिया क्या हो, इस पर शिक्षक अपना सुझाव दें। निदेशक ने ट्विटर पर भी शिक्षकों से राय मांगी है।
प्रदेश में चल रही सहायक शिक्षक भर्ती में दूसरे प्रदेशों की भी समकक्ष डिग्रियों को मान्य कर लिया गया है। भर्ती में कई ऐसे अभ्यर्थी भी काउसंलिंग के लिए पहुंचे थे जिनकी बीटीसी, बीएलएड या अन्य समकक्ष डिग्रियां दूसरे प्रदेश से थीं। बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने ऐसे अभ्यर्थियों की काउसंलिंग रोक बेसिक शिक्षा परिषद से राय मांगी थी। परिषद की सचिव रूबी सिंह ने शुक्रवार को सभी बीएसए को पत्र लिखकर बताया है कि भर्ती के विज्ञापन में स्पष्ट है कि देश के किसी भी कानूनी ढंग से स्थापित किए गए विश्वविद्यालय या सरकार से मान्यता प्राप्त समकक्ष कोर्स मान्य होगा। ऐसे अभ्यर्थियों की डिग्रियों को एनसीटीई की वेबसाइट पर प्रदर्शित संस्थाओें से पुष्ट किया जा सकता है। वहां से सत्यापन के बाद इन्हें प्रक्रिया में शामिल किया जा सकता है।