खुलासा : सचिवालय में एंट्री पास बनवाने के लिए हो रहा था फर्जीवाड़ा !

लखनऊ — सचिवालय में पैसा लेकर एंट्री पास बनाने का रैकेट चल रहा है। स्वागत कक्ष में पास बनाने वाले सचिवालयकर्मी 100 रुपये लेकर लोगों को अवैध रूप से एंट्री दे रहे थे। सचिवालय सुरक्षा दल ने सचिवालय में आए तीन लोगों से पूछताछ की तो इसका खुलासा हुआ।

मुख्य भवन के प्रतिसार निरीक्षक (आरआई) सुनील कुमार त्रिपाठी ने इसकी रिपोर्ट मुख्य सुरक्षा अधिकारी (सीएसओ) को सौंप दी है। आरआई ने जो रिपोर्ट मुख्य सुरक्षा अधिकारी को सौंपी है, उसमें संजय कुमार यादव द्वारा जुर्म कबूले जाने का भी पत्र लगा है। संजय ने लिखा है कि उसने 100-100 रुपये लेकर पास बनाए हैं। पास एक विधानसभा सदस्य के नाम पर बनाया गया था। पास पर मिलने वाले के नाम के आगे एक विधानसभा सदस्य का नाम लिखा था। 

सूत्र बताते हैं कि यह फर्जीवाड़ा विधानसभा सदस्यों के अलावा प्रमुख सचिवों और मंत्रियों के नाम पर भी पास बनाए गए हैं। सचिवालय की प्रक्रिया का हिस्सा है कि जिससे मिलना हो उसकी सहमति के बाद ही दैनिक पास जारी किए जाते हैं। लेकिन, पास ऑफिस में बिना उनकी जानकारी के ही संस्तुत करने वाले बॉक्स में उनका नाम डाल दिया जाता है। इसी एवज में पैसे वसूले जा रहे थे। 

ऐसे खुला मामला :

एक नवंबर को अर्जुन कुमार, धनवीर सिंह और पवन कुमार पास बनवाकर गेट नंबर 9 से विधानभवन सचिवालय में दाखिल हुए। यहां दोपहर दो बजे से शाम सात बजे तक मुख्य रक्षक अशोक कुमार की ड्यूटी थी। तीनों ने अशोक से मुख्यमंत्री कार्यालय के बारे में जानकारी मांगी। उन्हें बताया कि सीएम कार्यालय एनेक्सी में है। इस पर एक ने पूछ लिया कि यहां आने में 300 रुपये खर्च हो गए हैं। अब वहां जाने के लिए भी पैसा देकर पास बनवाना होगा? मुख्य रक्षक से  तीनों से पूछताछ शुरू की तो पता चला कि प्रति व्यक्ति 100 रुपये लेकर तीनों का पास बनाया गया है। बताया कि उन्होंने 500 रुपये का नोट दिया था। चेंज न होने के कारण पास बनाने वाले ने एक पर्ची पर लिखकर वापसी में 200 रुपये लेने को कहा था। मुख्य रक्षक ने इसकी जानकारी आरआई को दी। आरआई सुनील कुमार, मुख्य रक्षक अशोक कुमार तिवारी और अशोक कुमार के साथ पास ऑफिस पहुंचे और पूछताछ की। आरआई के मुताबिक वहां काफी समय से खेल चल रहा है। उस समय पास ऑफिस में मुख्य स्वागत अधिकारी संजय कुमार यादव थे। उन्होंने तीनों लोगों का पैसा भी वापस करवाया। 

 

 

 

 

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