आगरा — उत्तर प्रदेश के आगरा में एक दिलचस्प मामला सामने आया है। यहां की डॉ. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों में एक ही शिक्षकों के नाम कई कॉलेजों में बतौर लेक्चरर दर्ज हैं। एक शिक्षक तो ऐसे मिले हैं जो 47 कॉलेजों में पढ़ाते हैं।
आगरा यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस मामले में जांच कमिटी गठित की। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने बताया कि इस तरह का मामला सामने आने के बाद अब यूनिवर्सिटी प्रशासन कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि व्हाट्सऐप ग्रुप पर एक पोस्ट वायरल हो रही थी। इस पोस्ट में एमएड संचालित करने वाले कॉलेजों में एक ही शिक्षकों के कई कॉलेजों में पढ़ाने की बात लिखी थी। इस पोस्ट के साथ शिक्षकों के नामों की लिस्ट भी अटैच थी। एक ही दिन में यह पोस्ट यूनिवर्सिटी के शिक्षकों, छात्रों और यूनिवर्सिटी प्रशासन तक पहुंच गई। इस लिस्ट में 31 लेक्चर के नाम थे जो 100 कॉलेजों में काम कर रहे थे। आगरा यूनिवर्सिटी से 550 कॉलेज संबद्ध हैं जो एमएड का कोर्स कराते हैं। लिस्ट के 31 शिक्षकों के नाम इन सभी कॉलेज की लिस्ट में किसी न किसी तरह शामिल हैं। यह घपला कई वर्षों से चल रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि यह काम यूनिवर्सिटी प्रशासन और कॉलेज प्रशासन की मिलीभगत से चल रहा था।
यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिक जांच में पता चला है कि जो लिस्ट में नाम दिए गए हैं वे सही हैं। उसके बाद लिस्ट में दिए गए नामों की जांच रेकॉर्ड्स से की गई तब चौंकाने वाली बात सामने आई। अब इस पर जांच हो रही है कि किस तरह से ये शिक्षक प्राइवेट स्कूलों में एक साथ पढ़ाते थे। लिस्ट में एक आशीष कुमार नाम के शिक्षक का नाम है। यूनिवर्सिटी की जांच में पता चला कि आशीष एक साथ 47 कॉलेजों में लेक्चरर हैं। हरीश चंद 28 कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं। माधव पचौरी 23 कॉलेजों में तो अंजना गौतम 21 कॉलेजों में शिक्षिक हैं। ब्रजेश वर्मा 20 कॉलेजों में तो सोमनाथ शर्मा 21 कॉलेजों में पढ़ाते हैं। नीरज तिवारी, शालिनी शर्मा का नाम 20 कॉलेजों की लिस्ट में है। ये सभी आगरा के संबद्ध कॉलेजों में लेक्चचर हैं।