लखनऊ– सहकारी समिति में सचिव के पद पर काम करने वाले एक जालसाज ने अपर आवास आयुक्त (सहकारिता) के फर्जी अनुमोदन पत्र के सहारे लगभग आठ करोड़ रुपये बाजारू कीमत की सार्वजनिक भूमि एक कारोबारी को लीज पर दे दी ।
मामले की जानकारी होने पर समिति के अन्य लोगों ने एतराज जताया लेकिन सचिव ने लोगो के समक्ष अपर आवास आयुक्त का फर्जी अनुमोदन पत्र रख सबको शांत कर दिया । अपर आवास आयुक्त (सहकारिता) को मामले की जानकारी होने पर उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए । जांच में अनुमोदन पत्र फर्जी पाया गया । शिकायत पर कार्यवाही करते हुए पीजीआई पुलिस ने आरोपी सचिव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया ।
पुलिस की माने तो ऋषि वशिष्ठ सहकारी समिति सरस्वती पुरम के सचिव नितिन मौर्य की अधिकांश जमीन पर आबादी बस चुकी है । कालोनी के लेआउट में आवास विकास से अनुमोदित “सरस्वती पुरम पार्क – 1” की जमीन को अपर आवास आयुक्त वरुण कुमार मिश्र के फर्जी हस्ताक्षर वाले अनुमोदन पत्र को आधार बनाकर सचिव नितिन मौर्या ने लगभग 8 करोड़ की बाजारू कीमत की जमीन व्यवसाई सतीश चंदानी आदि को जमीन लीज पर दे दिया । समिति के अन्य लोगों ने विरोध किया तो नितिन ने अपर आवास आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर वाला अनुमोदन पत्र लोगों के समक्ष प्रस्तुत कर दिया ।
आरोप है कि 23 जनवरी 2018 को समिति के सचिव नितिन मौर्य की सभी शक्तियां समाप्त हो गई थी उसके बावजूद भी 1 फरवरी 2018 को नितिन ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे जमीन लीज पर दे दी । जिसकी शिकायत अपर आवास आयुक्त (सहकारिता) से की गई तो उन्होंने जनवरी 2018 के पहले सप्ताह में जांच बैठा दी । जांच में पता चला कि अनुमोदन पत्र पर अपर आवास आयुक्त के हस्तक्षर फर्जी हैं और पत्र जारी होने वाले दिन कार्यालय में अवकाश था । जांच के आधार पर पीजीआई पुलिस ने कार्यवाही करते हुए आरोपी नितिन मौर्य को गिरफ्तार कर जालसाजी के आरोप में जेल भेज दिया ।
(रिपोर्ट-अंशुमान दुबे, लखनऊ )