नयी दिल्ली–दिव्या काकरान ने गुरूवार को यहां एशियाई चैम्पियनशिप के 68 किग्रा वर्ग मुकाबले में जापान की जूनियर विश्व चैम्पियन नरूहा मातसुयुकी को हराकर फाइनल में प्रवेश किया जिससे चार भारतीय महिला पहलवानों ने कम से कम रजत पदक पक्के कर लिये हैं।
दिव्या ने 68 किग्रा में अपने सभी मुकाबले प्रतिद्वंद्वी को चित्त करके जीते। उन्होंने पहले कजाखस्तान की एलबिना कैरजेलिनोवा को पस्त किया और फिर मंगोलिया की डेलगेरमा एंखसाइखान को पराजित किया। मंगोलियाई पहलवान के खिलाफ उनका डिफेंस कुछ कमजोर दिखा लेकिन वह अपनी प्रतिद्वंद्वी को हराने में सफल रहीं।
दिव्या ने पिछले साल एशियाई चैम्पियनिशप में कांस्य पदक जीता था। सरिता 2017 में 58 किग्रा में रजत पदक जीतने बाद अपनी पहली एशियाई प्रतियोगिता में भाग ले रही थीं। उन्होंने कजाखस्तान की मदीना बाकबेरजेनोवा और किर्गिस्तान की नाजिरा मार्सबेकिजी के खिलाफ अपने पहले दो मुकाबले तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हासिल किये। इसके बाद उन्होंने जापान की युमी कोन पर 10-3 से जीत हासिल की। वह अब फाइनल में मंगोलिया की बातसेतेग अटलांटसेतसेग के सामने होंगी। निर्मला देवी भी 50 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक की दौड़ में बनी हुई हैं। उन्होंने मंगोलिया की मुंखनार बाईयाम्बासुरेन को 6-4 और उज्बेकिस्तान की दौलेतबाइक याखशिमुरातोवा पर तकनीकी श्रेष्ठता से जीत हासिल की। अब वह जापान की मिहो इगाराशी से भिड़ेंगी।
पिंकी ने भी 57 किग्रा के फाइनल में प्रवेश कर लिया। उन्होंने उज्बेकिस्तान की शोकिदा अखमेदोवा को चित्त करके शुरूआत की और फिर अगले मुकाबले में जापान की काना हिगाशिकावा को पराजित किया। इसके बाद उन्होंने सेमीफाइनल में मारिना जुयेवा को 6-0 से हराया। वह मंगोलिया की डुलगुन बोलोरमा से भिड़ेंगी। किरण 76 किग्रा में पदक की दौड़ से बाहर हो गयीं। वह अपने तीन में से दो मुकाबले हारकर पदक दौड़ से बाहर हुईं।