न्यूज डेस्क — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों जब एक ऐसे शख़्स का ज़िक्र किया था जो नाले से निकलने वाली गैस से चाय बनाता था तो सोशल मीडिया पर इसको लेकर खूब चुटकुले चल पड़े, लेकिन क्या सच मे ऐसा संभव है कि नाले से कोई गैस निकले, जिससे चाय बनाई जा सके या खाना पकाया जा सके?
दरअसल गाज़ियाबाद में ऐसी ही एक कोशिश हो रही है. आपको बता दें कि दिल्ली से सटे ग़ाज़ियाबाद के साहिबाबाद में नाले किनारे चाय बना कर गुज़ारा करने वाले रामू इन दिनों एक अहम प्रयोग का हिस्सा हैं. वो नाले की गैस से चाय बनाने में जुटे हैं. ये गैस उन्हें पीछे बह रहे नाले से मिल रही है. उन्हें उम्मीद है कि अगर ये तरीका कारगर रहा तो हर महीने अच्छी ख़ासी बचत हो जाएगी.
गौरतबल है कि साहिबाबाद के इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज के एक छात्र ने नाले से गैस निकालने की तकनीक का पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया है. इस तकनीक में 200 लीटर के उल्टे ड्रम नाले में डाले गए हैं, जो नाले में बह रही मीथेन गैस को पकड़ते हैं. ड्रम में भरी गैस को पाइप के सहारे निकालकर ज़रूरत की जगह ले जाया जाता है. ड्रम कहीं इधर उधर ना हो इसके लिए लोहे का पिंजड़ा ड्रम के इर्द गिर्द लगाया जाता है. कॉलेज का दावा है कि पीएम मोदी ने हाल में उन्हीं का ज़िक्र किया था क्योंकि 2014 में उन्होंने इस तकनीक के सहारे एक चायवाले को गैस की सप्लाई दी थी.