पूर्व विधायक पवन पांडेय ने कोर्ट में किया सरेंडर

लखनऊ — बाबरी मस्जिद विध्वंस में चर्चा में आये पूर्व विधायक पवन पांडेय ने एक मामले में कोर्ट में आत्मसमर्पण दिया. प्रयागराज स्थित विशेष एमपी एमएलए कोर्ट के जज  ने विधायक को जेल भेज दिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी।

दरअसल मामला यूपी की राजधानी लखनऊ के हज़रतगंज थाने का है.यहां 29 अक्टूबर 1995 को विजय कुमार यादव ने थाने में अपने पिता लक्ष्मी शंकर यादव की हत्या की रिपोर्ट लिखाई थी. रिपोर्ट में पूर्व मंत्री अंगत यादव, रामेश कालिया, सूरज पाल तथा कुछ अज्ञात लोगों को हत्या का आरोपी बनाया गया था.

हालांकि पवन पाडेय का नाम इस एफआईआर में नहीं था, लेकिन बाद में विवेचना में अपराधियों का सहयोग व शरण देने में पूर्व विधायक का नाम सामने आया. इसके बाद पवन पांडेय के खिलाफ धारा 216 के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की गई. जबकि अन्य को भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, के अंतर्गत आरोपित किया गया.

इस मामले में जमानत कराने के बाद पवन पाडेय कभी न्यायालय के समक्ष हाजिर नहीं हुए. जिसके चलते 2001 में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया.  हालांकि पवन पाण्डे की तरफ से अदालत में पक्ष रखा गया कि उनके अधिवक्ता गोविंद नारायण मिश्र जो 2001 में एमएलए हो गए और बाद में मिनिस्टर. इस कारण उन्हें मुकद्दमे की जानकारी नहीं हो सकी.

 फिलहाल कोर्ट ने उनकी इस याचिका को खारिज करते हुए जेल भेजे जाने का आदेश दिया है. साथ ही जेल मैन्युअल के अनुसार पवन पाडेय को सुविधा दिए जाने का भी आदेश किया. 

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