बिहार के पूर्व मंत्री रमई राम का आज यानी गुरूवार को पटना हॉस्पिटल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वही बिहार के राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर दौड़ गई है। वहीं रमई राम के निधन पर कई राजनेताओं ने शोक जताया है। उन्होंने जनता पार्टी से लेकर आरजेडी, कांग्रेस और जेडीयू में भी शामिल हुए। साथ ही रमई राम मुजफ्फरपुर के बोचहां से कई बार विधाक चुने गए थे और वे लालू और नीतीश दोनों सरकार में मंत्री पद भी संभाला चुके थे। लेकिन हाल ही में उन्होंने वीआईपी जॉइन कर लिया था।
ऐसा रहा रमई राम का राजनीतिक रुतबा:
बता दें कि रमई राम का पटना के मेदांता में कई दिनों से इलाज चल रहा था। वहीं रमई राम के राजनीतिक गलियारे में शुरुआत की बात करे तो उन्होंने 1972 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था और जीत भी हुई थी। वे लगभग तीन दशकों तक राजनीति में सक्रिय रहे। इस दौरान जनता पार्टी, लोकदल, जनता दल, आरजेडी, कांग्रेस, लोजपा और जेडीयू के बाद वीआईपी में भी रहे। साथ ही रजनीति में उन्हें आरजेडी के मुखिया लालू प्रसाद यादव के सबसे करीबी नेताओं में से एक माना जाता था।
मंत्री पद का जिम्मा भी संभाला:
वहीं रमई राम लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के ही मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान मंत्री पद का जिम्मा भी संभाला था। यहां तक कि रमई राम भूमि सुधार और राजस्व के अलावा परिवहन मंत्री भी रह चुके थे।
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