हादसे में जख्मी कराटे चैपियन का काटना पड़ा पैर, मदद की बजाए वीडियो बनाते रहे लोग

नोएडा — सड़क हादसे में घायल हुई नोएडा के सेक्टर-10 में रहने वाली कराटे प्लेयर लारी का एक पैर काटना पड़ा है। राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार जीत चुकी लारी के परिवार वालों के पास उसके इलाज के लिए 7 से 8 लाख रुपये नहीं थे।

जिस कारण उसे नोएडा के प्राइवेट अस्पताल से दिल्ली के सरकारी अस्पताल में शिफ्ट करना पड़ा। वहीं इलाज के अभाव में एक पैर घुटने के नीचे से काटना पड़ा।  

परिवार वालों का आरोप है कि सेक्टर-24 थाना पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। पुलिस के मुताबिक, मूलरूप से कुशीनगर निवासी 17 साल की लारी सेक्टर-10 में परिवार के साथ रहती है। वह सेक्टर-12 स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में 12वीं की छात्रा है। कराटे में ब्लैक बेल्ट होने के साथ ही राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कई पुरस्कार जीत चुकी है। उसकी बहन विशु ने बताया कि लारी पढ़ाई के साथ कई स्कूल, एनजीओ और नोएडा स्टेडियम में बच्चों को कराटे की ट्रेनिंग देकर पढ़ाई व घर का खर्च निकालती थी। 

बहन ने बताया कि 22 मई को दोपहर के समय एक स्कूल में बच्चों जूडो कराटे की क्लास देकर स्कूटी से घर लौट रही थी। जब वह सेक्टर- 12/22 रेड लाइट से आगे बृजवासी होटल के पास पहुंची तो तेज रफ्तार डीटीसी बस ने पीछे से जबरदस्त टक्कर मार दी। हादसे में लारी का एक पैर बस की पहिए के नीचे आ गया। वह बुरी तरीके से जख्मी हो गई। इसके बाद आरोपित चालक, कंडक्टर बस को मौके पर छोड़कर भाग निकले। विशु ने बताया है कि उनकी बहन करीब आधे घंटे तक मदद की गुहार लगाती रही, लेकिन उसकी मदद करने के बजाए लोग विडियो बनाते रहे। 

उन्होंन बताया कि डॉक्टर ने पैर की सर्जरी के लिए 7 से 8 लाख रुपये का खर्चा बताया गया। उनके पास इतनी बड़ी रकम नहीं होने के कारण उसे दिल्ली के एम्स में रेफर कर दिया। वहां डॉक्टरों ने इन्फेक्शन फैलने का हवाला देते हुए ऑपरेशन करके लारी का एक पैर घुटने से नीचे से काट दिया। 

बहन का आरोप है कि सेक्टर-24 थाना पुलिस ने डीटीसी बस को कब्जे में लिया हुआ है। इसके बावजूद पुलिस एक सप्ताह बाद भी आरोपित चालक और कंडक्टर को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। वहीं एसएचओ प्रदीप कुमार त्रिपाठी ने बताया कि इस मामले में आरोपित बस चालक और कंडक्टर की तलाश की जा रही है। वह अपने वर्तमान पते से फरार हैं। 

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