नागपुर: वायरस से लोग इतने ज्यादा खौफजदा हैं कि अस्पताल में अकेले रहकर इलाज भी नहीं कराना चाहते। कई तो जांच कराने से भी बच रहे हैं।
नागपुर के इंदिरा गांधी गवर्न्मेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मायो) से कोरोना वायरस के पांच संदिग्ध मरीज भाग गए। इन सभी को संक्रमण की जांच के लिए निगरानी में रखा गया था। जोनल डीसीपी राहुल मकनिकर ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया, ‘पुलिस को हाई अलर्ट कर दिया गया है और पूरे शहर में नाकाबंदी कर दी गई है।’ संदिग्धों का मेडिकल स्टेटस क्या था, अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
नागपुर में कोरोना वायरस की जांच में कुल तीन मामलों की पुष्टि के साथ ही महाराष्ट्र में इस विषाणु से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 17 हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मंडलायुक्त संजीव कुमार ने कहा कि नागपुर में दो दिन पहले 45 वर्षीय एक व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद शुक्रवार को उक्त व्यक्ति की पत्नी और दोस्त के भी जांच में संक्रमित होने की पुष्टि हुई। व्यक्ति अपनी पत्नी और दोस्त के साथ पिछले सप्ताह अमेरिका से लौटा था।
अधिकारियों ने बताया कि व्यक्ति को शहर में स्थित इंदिरा गांधी सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने कहा कि उक्त व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद उसके संपर्क में आए 15 लोगों की निगरानी की जा रही थी और उनके नमूने प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए थे। व्यक्ति की पत्नी और दोस्त का यहां सरकारी अस्पताल में उपचार चल रहा है।
बता दें इस वायरस की वजह से दो मौतें हो चुकी हैं। पहला मामला कर्नाटक में सामने आया था, जब कलबुर्गी में 76 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गई।