फर्रूखाबाद– दीपावली का पर्व नजदीक आने के साथ ही पटाखों की बिक्री भी जोरों पर है । लेकिन फर्रुखाबाद में घनी आबादी वाले इलाको में पटाखों की खुलेआम बिक्री की जा रही है। प्रशासन के आदेश के बाद भी पटाखा व्यवसायी बस्तियों में ही गोदाम लगाकर ही आतिशबाजी की बिक्री कर रहे हैं।
ऐसा लगता है कि इनके लिए प्रशासन के आदेशों के कोई मायने नहीं हैं। मानो प्रशासन भी इनकी मनमानी के आगे बेबस होकर एक बड़े हादसे का इंतजार कर रहा हो। अगर कोई अनहोनी होती है तो जिले में मौजूद फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियाँ उसे रोकने में नाकाम साबित होगी। इसके बाद भी अभी तक अधिकारी कार्यवाही के नाम पर सिर्फ कागज ही रंग रहे हैं। शहर के घनी आबादी वाले इलाके कादरी गेट और सतनपुर में थोक पटाखा व्यापारी बिक्री कर रहे हैं। जबकि इन जगहों के आस पास कई छोटे मोहल्ले बसे हैं। 2011 में खिमसेपुर में हुए भयानक विस्फोट में छह लोगों की जान गयी थी। उसके बाद अधिकारियो की यह अनदेखी जानलेवा साबित हो सकती हैं। आतिशबाजी की थोक दुकानों पर सूखी लकड़ी पड़ी हुई साफ देखी जा सकती है ।
दीपावली पर बिक्री के लिए जिले के लाइसेंस धारक आतिशबाज मजदूरों से आतिशबाजी का निर्माण करा रहे हैं। दुकानदारों को अधिकतम 450 किलो विस्फोटक सामग्री के रखने की छूट लाइसेस धारक को है, लेकिन हकीकत कोसो दूर है। अधिकारी जाँच के नाम पर खाना पूरी कर रहे है ।
(रिपोर्ट-दिलीप कटियार, फर्रूखाबाद)