प्रतापगढ़– गर्मियों की शुरुआत होते ही किसानों की मुसीबतों की भी शुरुआत हो जाती। अब तक जिले में सैकड़ो एकड़ फसल को आग ने अपनी लपटों में लेकर किसानों की खून पसीने और मेहनत को स्वाहा कर दिया है।
ताजा मामला सदर तहसील के सराय बीरभद्र और उसके अगलबगल के गांवों का है जहाँ आज बिजली के तारो से निकली चिंगारी ने लगभग पन्द्रह बीघे तैयार गेंहू को स्वाहा कर दिया और किसान छाती पीटने और आंसू बहाने के शिवा कुछ न कर सका। आंखों के सामने खड़ी फसल स्वाहा होती रही और उसे बचाने की जद्दोजहद में सैकड़ो ग्रामीण आग की लपटों में झुलसते रहे इस आस में कुछ ही बच जाए। तमाम लोगो ने फायर ब्रिगेड को फोन किया लेकिन वो भी नही पहुची। ऐसे में सहारा बना खेतो के बीच स्थित तालाब जिसमे से बाल्टी द्वारा पानी भरकर लोग आग बुझाने को पूरी जी जान से मेहनत कर रहे थे तो वही कई लोग आग को टहनियों से पीटकर बुझाने को जूझ रहे थे और इस जद्दोजहद में तमाम लोगो का सर्वस्व स्वाहा हो गया तो किसी की आधी चौथाई फसल बचाने में सफलता मिल सकी।
ऐसा नही की किसानों की बैरन सिर्फ आग ही है इस बार गेंहू उगने के साथ ही किसानों की मुसीबतें शुरू हो गई थी पहले साड़ों के झुंड ने कई बार गेंहू को बर्बाद किया बचा खुचा गेंहू पककर तैयार हुआ फिर इंद्र भगवान और पवन देवता के भी कोप का भाजन हुआ। जब गेंहू की कटने फसल को तैयार हुयी तो आंधी और पानी की भेंट चढ़ी। गेंहू खेत मे गिर गया बालियां टूटकर बिखर गई और किसान असहाय बन सब अपनी आंखों से देखता रह गया। इन आपदाओं के चलते किसानों के अरमानों पर भी पानी फिरता नजर आ रहा है क्योंकि तमाम किसान सिर्फ खेती के ही सहारे होते है। उनके यहा इस शुरू होने वाले सहालग के मौसम में बहन बेटियो की शादियां है तो वही दूसरी ओर अनाज को बेचकर कर्ज चुकाने की चुनौती भी है।
(रिपोर्ट – मनोज त्रिपाठी ,प्रतापगढ़ )