एक सोशल एक्टिविस्ट ने रेप के मामले में ब्लैकमेल कर रही महिला और रेप मामले को निपटने के लिए 20 लाख रुपये में सौदा करते हुए आरोपी को बचाने का सौदा कर लिया। फिर 18 लाख रुपये देने के बहाने ब्लैकमेलर महिला को बुला लिया।
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तभी ब्लैकमेलर युवती मधु यादव को दो लाख रुपये नगद और 9, 9 लाख रुपये के चेक दे दिए। आरोपी ब्लैकमेलर युवती ने अपने साथी को रुपये से भरा बैग सौंपकर उसे भागने के लिए कह दिया और ब्लैकमेलर का साथी रुपये लेकर फरार हो गया। इस बीच सोशल एक्टिविस्ट काजल ने आरोपी महिला को पकड़ लिया और सड़क पर काफी देर तक हाई वॉल्टेज ड्रामा होता रहा। हालांकि आरोपी मधु यादव हाथ छुड़ाकर भाग निकली।
7 लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज…
सूचना पर पहुची पुलिस ने दोनों पक्षों को हिरासत में ले लिया लेकिन ब्लैकमेलर की पुलिस से साठगांठ के चलते सोशल एक्टिविस्ट सहित 7 लोगो के खिलाफ थाना कोतवाली नगर में एफआईआर दर्ज कराई गई है। जिसमें तीन पत्रकार भी शामिल है।
बता दें कि ये पूरा मामला जनपद एटा के थाना रिजोर क्षेत्र का है जहां एक कथित युवती द्वारा पहले तो एक युवक के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप लगाया गया। फिर इसी आरोप में उसके भाई के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप लगाकर उसे जेल भिजवाया गया, उसके बाद जेल गए युवक के सिपाही भाई को ब्लैकमेल कर रही कथित पीड़िता उस समय स्वयं फस गई जब अपने को एक संगठन संचालिका बताने वाली काजल जादौन ने उसे ब्लैकमेल की राशि दो लाख नगद व 18 लाख के चेक देने के बहाने पुलिस कार्यालय के पीछे स्टेट बैंक पर बुला लिया और पूरी घटना के रुपए का बैग लेने से लेकर चप्पल छोड़कर भागने तक की रिकॉर्डिंग कैमरे में पूरी घटना कैद हो गई।
पुलिस कुछ भी बोलने को तैयार नहीं…
वही देखिए एटा पुलिस द्वारा सुनियोजित तरीके से आधे घंटे में युवती को थाने में बुला लिया किंतु इस बीच पुलिस की साठगांठ के चलते बैग में रखे दो लाख रुपए गायब हो गए। अब इस पर न तो पुलिस बोलने को तैयार हैं और न रुपए लेने वाली ब्लैकमेलर। जैसा ब्लैकमेलर (रेप) ने पुलिस से मिलकर घटना की रिकार्डिंग करने वाले 3 मीडिया कर्मीयों और शिकायतकर्ता सोशल एक्टिविस्ट सहित 7 के खिलाफ थाना कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।
अब जहाँ एक ओर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पत्रकारों को सम्मान देने और उनकी मीडिया कवरेज में मदद करने के लिए प्रदेश के हर जिले के डीएम और एसएसपी को इन आदेशों का कड़ाई से पालन करने के आदेश दे रहे। वही एटा की पुलिस 3 पत्रकारों को झूठा फ़साने के लिए एफआईआर दर्ज करा दी है।उधर जिले के पत्रकारों में भी इस घटना को लेकर आक्रोश देखा जा रहा है।
आक्रोशित पत्रकारों ने कहा कि अगर पत्रकारों का मुकदमा खत्म नही किया तो जिले के पत्रकार सडकों पर उतरने को विवश होंगे। अब देखने की बात होगी कि एटा के वरिष्ठ अधिकारी पत्रकारों पर हुई एफआईआर को एक्सपंज करने की कार्रवाई करते है या नही।
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(रिपोर्ट- आर.बी.द्विवेदी, एटा)