न्यूज डेस्क — उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार इस तरह व्यप्त है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लेकर डीएम तक सभी लिप्त है.ऐसा ही एक चौकाने वाला मामला मुरादाबाद से सामने आया है.जहां यहां के पूर्व डीएम सहित 9 अफसरों पर भ्रष्टाचार की FIR दर्ज की गई है.
मुरादाबाद में विजिलेंस टीम ने गबन और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं में दो FIR दर्ज कराई है. इसमें मुरादाबाद के पूर्व डीएम जुहैर बिन सगीर और तत्कालीन एडीएम सिटी अरुण श्रीवास्तव सहित 9 अफसरों शामिल है.
बता दें कि सभी पर अर्बन सीलिेंग भूमि और जेल भूमि घोटाले में संलिप्तता के आरोप हैं.FIR में दोनों घोटालों में फर्जी रिपोर्ट देने वाले सदर तहसील के लेखपाल से लेकर तहसीलदार तक सभी के नाम हैं. जुहैर बिन सगीर इस समय लखनऊ में कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा में विशेष सचिव तैनात हैं.
विजिलेंस बरेली की तरफ से ये एफआईआर सिविल लाइंस थाने में दर्ज कराई गई है. इसमें पूर्व तहसीलदार सदर संजय कुमार, अर्बन सीलिंग विभाग के सहायक अभियंता सुरेंद्र प्रकाश गुप्ता, कनिष्ठ लिपिक हरवेंद्र कुमार व रीता सिंह, पेशकार इंद्रजीत सिंह, भूमि कब्जाने की आरोपी नसीमा बानो के नाम हैं. वहीं जेल भूमि घोटाले में मूंढापांडे थाने में विजिलेंस की तरफ से दूसरा मुकदमा दर्ज कराया गया है. इसमें तत्कालीन डीएम सगीर और तत्कालीन एडीएम सिटी अरुण श्रीवास्तव के अलावा संजय कुमार, राजस्व निरीक्षक परवेज खां, लेखपाल सुभाष चंद्र शर्मा के साथ ही सौरभ जौन, सौम्य जैन और जुल्फिकार अली को नामजद किया गया है.
इन पर आरोप है कि पद का दुरुपयोग कर मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के कब्जे वाली अर्बन सीलिंग की 68 हजार वर्ग मीटर जमीन को फर्जी दस्तावेज तैयार कर निजी खाता धारकों को सौंप दिया.