सुलभ इंटरनेशनल संस्था ने भरा विधवाओं की जिंदगी में रंग

मथुरा– सदियों से जिंदगी के रंगों से दूर रही विधवाओं की जिंदगी में उस समय नया रंग नजर आया, जब वृंदावन में हजारों विधवाओं ने होली के मौके पर  प्राचीन गोपीनाथ मंदिर में जमकर गुलाल उड़ाया और फूलों से श्रीकृष्ण संग होली खेलीं।

गुलाल और फूलों की बौछार के बीच जैसे विधवाओं की जिंदगी में नया रंग नजर आ रहा था । ये सब रँग आये है जानी-मानी सामाजिक संस्था सुलभ इंटरनेशनल के प्रयास से। वृंदावन के गोपीनाथ मंदिर में आज जबर्दस्त नजारा रहा। इस दौरान वृंदावन और वाराणसी से आई हजारों महिलाओं ने एक-दूसरे को जमकर गुलाल लगाया और फूलों की बौछार की। ये पहला मौका रहा, जब किसी महत्वपूर्ण मंदिर के भीतर विधवाओं ने होली खेली है ।सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक और जाने-माने समाजसेवी डॉक्टर विंदेश्वर पाठक ने कहा कि मंदिरों के शहर वृंदावन में यह पहला मौका है।

इन विधवाओं की जिंदगी में रंग भरने और सामाजिक मुख्यधारा में लाने की कोशिशों के तहत तीन साल से उनके लिए होली के त्योहार को मनाने का इंतजाम कर रहा है। तीन साल से विधवाओं के आश्रम में भी सुलभ की पहल पर खास तौर पर होली का त्योहार मनाया जा रहा है। लेकिन यह पहला मौका है, जब किसी जाने-माने और प्रतिष्ठित मंदिर में उनके लिए होली का त्योहार मनाया गया। विधवाओं को लेकर समाज में सदियों से जारी कुरीतियों को खत्म करना है, जिसके तहत उनके होली मनाने पर रोक रही है। 

आमतौर पर सफेद साड़ी पहनने वाली विधवाओं के लिए कई रंगों के करीब 1200 किलो गुलाल और करीब 1500 किलो गुलाब और गेंदे के फूल की पंखुड़ियों का इंतजाम किया गया था। जिनके साथ विधवाओं ने जमकर होली खेली और सदियों पुरानी कुरीति के खिलाफ नई परंपरा स्थापित की। सुलभ की पहल पर पिछले साल वृंदावन और वाराणसी के आश्रमों में रहने वाली विधवाओं के लिए चार दिनों तक चलने वाले होली महोत्सव का आयोजन वृंदावन में किया गया था।

(रिपोर्ट- सुरेश सैनी,मथुरा)

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