नई दिल्ली– समाजवादी पार्टी के संरक्षक और यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मामला वर्ष 1990 में अयोध्या में कारसेवकों पर फायरिंग से जुड़ा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश देने के मामले में मुलायम सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अपील की गई है।
याचिकाकर्ता ने अपील में कहा है कि 6 फरवरी 2014 को मैनपुरी की एक जनसभा में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि उनके आदेश पर 1990 में पुलिस ने अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाई थी। इसके बाद राणा संग्राम सिंह ने लखनऊ पुलिस से मुलायम के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। लेकिन पुलिस ने केस दर्ज करने से इनकार कर दिया था।
2 नवंबर 1990 को जब कारसेवकों ने अयोध्या में विवादित ढांचे (बाबरी मस्जिद) को गिराने की कोशिश की थी, तब मुलायम सिंह यादव यूपी के मुख्यमंत्री थे। बाबरी मस्जिद को बचाने के लिए कारसेवकों पर पुलिस ने फायरिंग की थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक फायरिंग में 16 लोग मारे गए थे। मुलायम ने कहा था कि अगर और भी जानें जातीं, तब भी वह धर्मस्थल को बचाते। गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव को अयोध्या गोलीकांड के बाद हुए विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था। इस घटना के बाद 1991 की राम लहर और ध्रुवीकरण वाले माहौल में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार यूपी में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई थी और कल्याण सिंह मुख्यमंत्री बने थे।