रावतपुर स्टेशन पर करीब 25 वर्ष पहले हुई इंस्पेक्टर (Inspector) की हत्या में फरार चल रहे बसपा नेता पर बड़ी कार्रवाई की गई है। वहीं बीसपी नेता के घर कुर्की के लिए कई जनपदों की जीआरपी पहुंची। हालांकि बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जाकर हाईकोर्ट का स्टे बताकर कुर्की का विरोध किया। इस पर सीओ से नोकझोंक हो गई।
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दरअसल मंगलवार को जीआरपी सीओ (Inspector) हरीश चंद्रा कई थानों की पुलिस के साथ फतेहगढ़ के मोहल्ला कसरट्टा निवासी बसपा नेता व वकील डॉ. अनुपम दुबे की गली में पहुंचे। कुछ देर में फतेहगढ़ कोतवाल जय प्रकाश पाल भी फोर्स लेकर पहुंच गए।
पुलिस ने बसपा नेता के आवास को घेर लिया। सीओ ने बताया कि लगभग 25 वर्ष पहले कानपुर के रावतपुर स्टेशन पर इंस्पेक्टर (Inspector) रामनिवास यादव की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में डॉ. अनुपम दुबे फरार है। कानपुर कोर्ट से उसकी कुर्की का आदेश सात जुलाई को किया गया है। इस पर कार्रवाई की जा रही।
मेरठ के थे रहने वाले इंस्पेक्टर
गौरतलब है कि 4 मई 1996 को पैसेंजर ट्रैन के गार्ड आरके बाजपेयी ने जीआरपी थाना अनवरंगज कानपुर में सूचना दी कि बोगी में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। शव की शिनाख्त जनपद मेरठ (अब बागपत) थाना अमीसराय गांव लाहौर सराय निवासी पुलिस इंस्पेक्टर रामनिवास यादव के रूप में की गई।
जीआरपी थाने में दर्ज मुकदमे में विवेचना में नेम कुमार बिलइया, अनुपम दुबे व कौशल दुबे के नाम प्रकाश में आए थे। 24 जुलाई 1996 को तीनों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी। इसमें नेम कुमार बिलइया मुठभेड़ में मारा गया था। वहीं कौशल दुबे की बाद में मौत हो गई थी।
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(रिपोर्ट- दिलीप कटियार, फर्रुखाबाद)