लखनऊ–डीएपी के बढ़े हुए दामों से परेशान किसानों को कुछ राहत मिल सकती है। केंद्र सरकार डीएपी के दामों पर अनुदान बढ़ाने की तैयारी कर रही है। पिछले तीन महीने में डीएपी के दाम प्रति बोरी 300 रुपये तक बढ़े हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले सरकार किसानों को नाराज नहीं करना चाहती। यही वजह है कि किसानों का यह बोझ खुद लेने की तैयारी कर रही है। इसके लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से पुराने स्टॉक की जानकारी मांगी है। डीएपी के दाम पिछले तीन महीनों में काफी तेजी से बढ़े हैं। तीन महीने पहले डीपी के एक बोरी की कीमत बाजार में 1150 रुपये पड़ रही थी। अब यह बोरी 1450 रुपये में मिल रही है। डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने को इसकी वजह बताया जा रहा है। दरअसल, डीएपी बनाने के लिए कंपनियों को कच्चा माल आयात करना होता है। इसकी कीमतों में एक महीने में 150 रुपये तक की बढ़ोत्तरी हुई है।
डीएपी के बढ़ते दामों को देखते हुए किसान संगठनों ने सरकारों के सामने बात रखी है। वहीं विपक्षी दल भी इसका विरोध कर रहे हैं। इसे देखते हुए केंद्र सरकार अनुदान बढ़ाने पर विचार कर रही है। इस समय सरकार 520 रुपये अनुदान देती है। अब सभी राज्यों से यह जानकारी मांगी है कि पुराना स्टॉक कितना है। वजह यह है कि पुराने स्टॉक के आधार पर केंद्र सरकार इस रबी के सीजन में डीएपी की जरूरत का आंकलन कर रही है। साथ ही उससे यह भी अनुमान लग जाएगा कि कितना अनुदान देने पर केंद्र सरकार पर कितना बोझ आएगा।