बेटी से छेड़खानी का विरोध करना किसान को पड़ा,युवक ने गोली मारकर की हत्या

प्रतापगढ़ — उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में अपराधिक घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही है यहां आये दिन कोई न कोई अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जाता है।

इसी कड़ी में एक किसान को बेटी से हुई छेड़खानी का विरोध करना भारी पड़ गया। छेड़खानी में मारपीट और मुकदमा दर्ज होने से खार खाये युवक ने गोली को मारकर किसान की हत्या कर दी। 

दरअसल बीती देर शाम खेत मे स्थित ट्यूबवेल पर गोली मारकर किसान की हत्या कर दी गई। हत्या के बाद हत्यारा फरार हो गया। आननफानन में जिला अस्पताल लाया गया जहाँ डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मृतक किसान को महज इसलिए गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया कि उसने अपनी बेटी से हुई छेड़खानी का विरोध किया था। मृतक के बेटे का आरोप है कि गांव में ही अपनी ननिहाल में रहने वाला सूरज सिंह ने 2013 में उसकी बहन से छेड़खानी किया था जिसके बाद दोनों पक्षो में जमकर मारपीट भी हुई थी और मुकदमा भी दर्ज हुआ था। जिसके चलते सूरज मृतक परिवार से बदला लेने के अवसर खोजता रहता था। 

2016 में मृतक की बेटी की शादी  जिसके साथ सूरज ने छेड़खानी की थी जब उसकी शादी पड़ी तो एन शादी से दो दिन पहले ही सूरज ने मृतक के बेटे हनुमत को गोली मारी लेकिन वो बालबाल बच गया। इस मामले की शिकायत जब मृतक ने पुलिस की तो पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच करने के बजाय मामले झुठलाती रही जिसके चलते आरोपी के हौसले बढ़ते गए और बीते अप्रैल में भी मृतक के घर पर फायरिंग की गई लेकिन इस बार भी पुलिस रवैया नही बदला। जिसके चलते इतनी बड़ी वारदात हो गई।

 बताया जा रहा है कि शिवकुमार अपने बेटे हनुमत और नाती के साथ ट्यूबवेल पर बैठे और मृतक ने हिसाब की कापी घर से मंगवाई ताकि सिंचाई का हिसाब लिख सके ये दोनो कॉपी लेकर लौट रहे थे कि तभी हत्या कर दी गई। फायरिंग की आवाज सुनकर बेटा दौड़कर बाप के पास पहुंच तो गया लेकिन उसे बचा नही पाया और आरोपी हमलावर अंधेरे में आंखों से ओझल हो गया।

किसान की हत्या की जानकारी जब मातहतों ने एसपी को दी तो एसपी फौरन जिला अस्पताल पूरे लावलश्कर के साथ पहुच गए और सीओ को निर्देश दिया कि इलाकाई पुलिस के अलावा स्वाट टीम को भी लेकर मौके पर जाकर आरोपी की रिस्तेदारिओ की जानकारी जुटाकर दबिश दे किसी हाल में आरोपी बचना नही चाहिए। मृतक के बेटे हनुमत से भी एसपी ने घटना के बाबत गहन पूंछतांछ की।

पुलिस की लचर कार्यशैली के चलते किसान की हत्या हो गई।पुलिस इस हत्या को रोक सकती थी  यदि पहले हुई घटनाओं की शिकायतों को गंभीरता से लिया होता तो हो सकता है आज शिवकुमार की हत्या न होती। आखिर कब तक पुलिस मामलो को झुठलाती रहेगी और हत्या जैसी वारदात का इंतजार करती रहेगी। आखिर कब होगी पुलिस संवेदनशील ये तो समय ही बताएगा।

(रिपोर्ट-मनोज त्रिपाठी,प्रतापगढ़)

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