सोशल मीडिया पर आए दिन कई तरह के मेसैज वायरल हो जाते हैं। लेकिन इन वायरल मैसेजस में अधिकतर दावे फर्जी होते हैं। इसी कड़ी में दिनों एक पेपर की कटिंग सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। वायरल मैसेजे में दावा किया जा रहा है कि सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए UPSC सिविल परीक्षा देने की अधिकतम उम्र 32 वर्ष से घटकर 26 वर्ष होने जा रही है। यानी कि 26 साल की उम्र के बाद IAS, IPS के लिए परीक्षा नहीं दे सकेंगे।
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पीआईबी ने किया दावे का खंडन
दरअसल जब इस वायरल मैसेज के दावों की जांच की गई तो रहे दावे पूरी तरह फर्जी पाए गए। UPSC ने ऐसा कोई भी फैसला नहीं किया है।
वहीं भारत सरकार की पीआईबी ने भी वायरल दावे का खंडन कर दिया है। पीआईबी फैक्ट चेक के ट्विटर हैंडल से बताया गया कि सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए यूपीएससी सिविल परीक्षा देने की अधिकतम उम्र 32 वर्ष से घटकर 26 वर्ष करने का दावा फर्जी है। यूपीएससी द्वारा ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
दावे फर्जी यूपीएससी ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है
पीआईबी ने कहा –एक न्यूज़ आर्टिकल में यह दावा किया जा रहा कि सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए यूपीएससी सिविल परीक्षा देने की अधिकतम उम्र 32 वर्ष से घटकर 26 वर्ष होने जा रही है। #PIBFactCheck: यह दावा फर्जी है। यूपीएससी द्वारा ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
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