दिल्ली–भारत के सूचना प्रसारण मंत्रालय ने जाली पत्रकारों (Fake Journalists) पर सिकंजा कसने को तैयार है । प्रेस ब्रीफिंग में पत्रकारों से बात करते हुए, सूचना प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राजवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि देश भर में जितने भी प्रेस आई○डी○ लेकर घुम रहे लोगों की तत्काल जांच शुरू होगी ।
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इस मामले में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति पर त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया जाएगा । आगे श्री राठौर ने कहा कि कुछ दोषी लोगों के कारण अच्छे, सच्चे एवं ईमानदार पत्रकारों के छवि खराब हो रही है, एवं उनके कार्य करने में बाधा उत्पन्न हो रही है । आगे जानकारी देते हुए श्री राठौर ने कहा कि पूरे देश में कुछ पैसा लेकर जाली प्रेस आई○डी○ बांटने एवं जाली पत्रकार (Fake Journalists) नियुक्ति करने तथा प्रेस के नाम पर ब्लैकमेलिंग करने का धंधा चल रहा है। जिस पर अंकुश लगाना अति आवश्यक है ।
इस संबंध में सभी राज्यों के प्रेस सूचना मंत्रालय को निर्देश जारी कर दिया गया है । आगे उन्होंने बताया कि जो अखबार/पत्रिका भारत सरकार के आर○एन○आई○ द्वारा रजिस्टर्ड हो या जो टीवी/रेडियो सूचना प्रसारण मंत्रालय से रजिस्टर्ड हो उसी के द्वारा पत्रकार/संवाददाता की नियुक्ति हो सकती है व केवल उसका सम्पादक ही प्रेस कार्ड जारी कर सकता है । जब न्यूज पोर्टल के बारे में पत्रकारों ने पूछा तो श्री राठौर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इन्टरनेट पर चल रहे न्यूज पोर्टल के रजिस्ट्रेशन का प्रावधान सूचना प्रसारण मंत्रालय में नहीं है एवं कोई भी न्यूज पोर्टल एवं केबल (डीस) टीवी पर चल रहे समाचार चैनल किसी भी तरह के पत्रकार (Fake Journalists) की नियुक्ति नहीं कर सकता है और न ही प्रेस आई○डी○ जारी कर सकता है यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो वह अवैध है एवं उसके विरुद्ध कार्रवाई होनी सुनिश्चित है।
राठौर ने आगे बताया की इन्टरनेट पर न्यूज पोर्टल चलाने पर रोक नहीं है लेकिन इनको सरकारी सहयोग प्राप्त नहीं होगा ।वही इस मसले पर जानकारों का मानना है की सोशल मीडिया के बढ़ते क्रेज और गुजरात चुनाव में सोशल मीडिया की अहम भूमिका के चलते भाजपा की सीटें कम होने से अब सरकार मीडिया की आजादी (Fake Journalists) पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है।