उत्तर प्रदेश के 25 जिलों में फर्जी तरीके से नौकरी करने वाली चर्चित शिक्षिका अनामिका शुक्ला को शनिवार को कासगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वो यहां के फरीदपुर स्थित कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में शिक्षिका के पद पर तैनात है.
पुलिस की पूछताछ में चौकाने वाला खुलासा किया. फिलहाल इस मामले में बीएसए ने सोरों कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. वहीं डीएम ने इस संबंध में एक रिपोर्ट शासन को भेजी है.
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बता दें कि कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूलों में संविदा पर लगने वाली नौकरी में दस्तावेज की जांच नहीं होती है. साक्षात्कार के दौरान ही असली अभिलेख देखे जाते हैं. चयन मेरिट के आधार पर होता है. ऐसे में अनामिका के दस्तावेजों को आधार बनाया.
असली प्रिया जाटव…
जनपद कासगंज में पकड़ी गई कथित अनामिका (असली नाम प्रिया जाटव) के बताया कि उसकी मुलाकात गोंडा के रघुकुल विद्यापीठ में बीएससी करते वक्त ही मैनपुरी निवासी राज नाम के व्यक्ति से हुई थी. उसने प्रिया को नौकरी की सलाह दी. एक लाख रुपये में दस्तावेज पर नौकरी लगवाने का वायदा किया. उसने ही अगस्त 2018 में इसे नियुक्ति पत्र भी दिला दिया था.
अनामिका के खिलाफ धोखाधड़ी सहित कई मामले दर्द
बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजली अग्रवाल के अनुसार अनामिका शुक्ला के मूल दस्तावेजों में धुंधली फोटो भी इस कॉकस की मददगार बनी. साक्षात्कार के दौरान यह फोटो देखी जाती है, लेकिन धुंधली होने पर अभ्यर्थी के आधार कार्ड और अन्य पहचानपत्र के आधार पर चयन किया जाता है. जिस तरह से बैंकों में अनामिका शुक्ला के नाम से खाता खुलवाया गया, उससे माना जा रहा है कि आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज फर्जी तैयार कराए गए हैं.
कोतवाली सोरों पुलिस ने बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजलि अग्रवाल की तहरीर पर अनामिका के खिलाफ धोखाधड़ी एवं कूटरचित अभिलेख तैयार करने के मामले में धारा 420, 467 एवं 468 में मुकदमा दर्ज किया है.