मेरठ –उत्तर प्रदेश के मेरठ में बाईपास स्थित शोभित विश्वविद्यालय में शनिवार को कत्ल के एक ऐसे मामले में सुनवाई हुई, जिसका फैसला संबंधित कोर्ट वर्षों पहले सुना चुकी है।
मगर इसके बावजूद शोभित विश्वविद्यालय में लगाई गई मूट कोर्ट में जहां नकली मुलजिमों को कानून के कटघरे में खड़ा करके असली वकीलों ने उनके पक्ष और विपक्ष में बहस की। वहीं हाई कोर्ट के रिटायर जज ने उस पर फैसला भी सुनाया। बात कुछ चौंकाने वाली लगती है मगर जब आप इसकी सत्यता को जानेंगे तो मेरठ जिले को मिली एक नई उपलब्धि पर शहर की जनता का सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा।
दरअसल, विभिन्न लो कॉलेजों के छात्र छात्राओं को अदालत की कार्यवाही से अवगत कराने के लिए हर वर्ष राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। इस बार यह आयोजन शोभित यूनिवर्सिटी में किया जा रहा है। प्रतियोगिता के दौरान देशभर के विभिन्न प्रदेशों से आए वकालत के छात्र छात्रा हाई कोर्ट के वकीलों और जज के सामने एक ऐसे केस पर बहस करते हैं जो वास्तव में घटित हुआ हो। इस दौरान कटघरे में नकली आरोपी को खड़ा करके उसके पक्ष और विपक्ष में वकालत के छात्र बहस करते हैं। बहस के बाद अदालत फैसला सुनाती है।
शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कुंवर सिंह का बिजेंदर ने बताया कि दो दिवसीय प्रतियोगिता में 20 प्रदेशों के 36 विश्वविद्यालयों के विधि छात्र-छात्रा भाग ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि आज क्वार्टर फाइनल के लिए आठ टीमों का चयन किया जाएगा। बताते चलें कि इस प्रतियोगिता की खास बात यह है कि जिस कॉलेज में इस प्रतियोगिता का आयोजन होता है, प्रतियोगिता में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से उस कॉलेज के छात्र छात्राओं को प्रतियोगिता में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाती।
(रिपोर्ट-सागर कुशवाहा,मेरठ)