फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में रामपुर (एमपी-एमएलए) कोर्ट ने बुधवार को समाजवादी पार्टी नेता आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को सात साल कैद की सजा सुनाई। आजम खान के परिवार को मिली सजा पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है. अखिलेश यादव ने कहा कि आजम खान दूसरे धर्म के हैं. इसलिए अन्याय हो रहा है. उनके खिलाफ साजिश और साजिश की गई है.’ उन्होंने कहा कि आजम खान मुस्लिम हैं, इसलिए उन्हें ऐसी सजा भुगतनी पड़ी.
बता दें कि बुधवार को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट शोभित बंसल की अदालत ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के 2019 मामले में आजम खान, तंजीम फातिमा और अब्दुल्ला आजम को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने अधिकतम सात साल की सजा का ऐलान किया है. पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) अरुण प्रकाश सक्सेना ने कोर्ट के फैसले के बाद बताया कि तीनों को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेजने की प्रक्रिया कोर्ट से ही शुरू हो गई है.
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आजम खान और उनके परिवार को कोर्ट से मिली सजा को लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि आजम का धर्म अलग है. इस कारण उनके साथ अन्याय हो रहा है. उनके खिलाफ साजिश और साजिश रची गयी है, जिसकी सजा उन्हें भुगतनी पड़ रही है.
मुसलमान होने की सज़ा मिली
उन्होंने कहा कि आजम खान के साथ बड़ी साजिश हो रही है. ये सब साजिशन हो रहा है. आजम खान का धर्म अलग है इसलिए अन्याय हो रहा है. उन्होंने यूनिवर्सिटी बनाई, इसलिए अन्याय हो रहा है. सपा नेता को सजा मिलने पर समाजवादी पार्टी प्रमुख ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी चाहती है कि कोई भी अच्छा काम न करे, जहां जाति और धर्म के प्रति नफरत फैलाई जाए. फैलाओ, सिर्फ काम मत करो।
आपको बता दें कि 3 जनवरी 2019 को बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने रामपुर के गंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि आजम खान और उनकी पत्नी ने उनके बेटे के दो फर्जी जन्मतिथि प्रमाण पत्र बनवाए हैं. दर्ज एफआईआर में आजम खान और उनकी पत्नी पर एक जन्म प्रमाण पत्र लखनऊ और दूसरा रामपुर से बनवाने का आरोप लगाया गया है.
फर्जी जन्मतिथि मामले में बेटे को हुई सजा!
आरोप के मुताबिक, रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला आजम की जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 है और दूसरे प्रमाण पत्र के मुताबिक उनका जन्म 30 सितंबर 1990 को लखनऊ में हुआ है. 2022 के विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला आजम ने स्वार सीट से सपा के टिकट पर जीत हासिल की थी, लेकिन 2008 में मुरादाबाद कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम को दोषी करार दिया और सजा सुनाई। दोषसिद्धि और सजा के दो दिन बाद अब्दुल्ला आजम को उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया। इसके बाद अब्दुल्ला आजम ने सजा पर रोक लगाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन वह भी खारिज हो गई.
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