प्रतापगढ़ — अभी तक आपने तेल और गैस के कुओं के मामलो में आप सिर्फ अरब देशों के साथ ही कृष्णा गोदावरी बेसिन के बारे में ही जानते होंगे। लेकिन अगर सब कुछ ठीक रहा तो उत्तर प्रदेश के प्रतपगढ़ की धरती से भी तेल निकलेगा। ऐसा अनुमान गंगा बेसिन में ओएनजीसी के सर्वे में सामने आया।
जिसके चलते कई माह से जिले की पट्टी और रानीगंज तहसील इलाको में एक निजी कम्पनी जिसमे इंडोनेशियन अधिकारी है और बंगाल के कर्मचारी सहित तमाम मशीनरी लेकर रातदिन पसीना बहा रहे है।जगह-जगह दो सौ फीट की बोरिंग के बाद उसमें विस्फोटक डालकर चार सौ मीटर की दूरी से विस्फोट करते है। जिसके चलते धरती कांप जाती है और आसपास के मकानों की दीवार और छत दरक जा रही है इतना ही नही तमाम किसानों की धान फसलें भी बर्बाद हो गई।
जहा एक ओर कई बार किसानों ने इसका विरोध किया तो ग्रामीणों ने मकानों के दरकने से आक्रोशित होकर विरोध किया। जिसके बाद अधिकारियों ने मुआबजे का आश्वासन देकर उन्हें किसी तरह शांत कराया। हालांकि प्रशासन ऐसी किसी गतिविधि की अनुमति की बात खारिज करता आ रहा है जबकि सम्बंधित लोग ओएनजीसी के पेड पर डीएम और एसपी को लिखे पत्र को दिखाते है।
इस प्रयास में पट्टी तहसील के आसपुर देवसरा कोतवाली के पूरे दलपतशाह गांव के आधा दर्जन घर दरककर चुके है। आज सुबह के करीब जब जमीन के अंदर बिस्फोट किया गया तो विस्फोट के कारण सीता राम वर्मा का दो मंजिला मकान की पूरी छत में दरार पड़ गयी, सूरज वर्मा के दो मंजिला घर की दीवार में दरार पड़ गयी हरी राम बर्मा की पूरी छत दरक गयी और इश्कुमार पाठक का कच्चा मकान के पुर से खपरैल पूरी तरह से बर्बाद हो गया।
रिपोर्ट–मनोज त्रिपाठी,प्रतापगढ़