फतेहपुर:जहानाबाद के साइबर कैफे के स्कैनर से छाप दिए 2000 के सैकड़ों जाली नोट,ऐसे हुआ खुलासा

लखनऊ–राजधानी में एक सनसनीखेज मामला उजागर होने से हर कोई सकते में है। लखनऊ की अलीगंज पुलिस ने 32 लाख रुपये के जाली नोट समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें ग्राम उद्योग विभाग इलाहाबाद का सहायक विकास अधिकारी भी शामिल है।

 एसएसपी के मुताबिक आरोपितों में ग्राम उद्योग विभाग इलाहाबाद का सहायक विकास अधिकारी फतेहपुर के औंघ स्थित मित्तई खेड़ा निवासी मनीष कुमार, उसके फुफेरे भाई कोड़ा, जहानाबाद फतेहपुर निवासी यमन पटेल और शांति नगर सरोजनीनगर निवासी अमित कुमार शामिल हैं। पूछताछ में मनीष ने बताया कि यमन और अमित ने जहानाबाद स्थित  सचान साइबर कैफे में स्कैनर और प्रिंटर की मदद से नार्मल पेज पर दो हजार के नोट छापे थे। दोनों ने ग्रामीण इलाकों में इस नोट को चलाया तो किसी ने शक नहीं किया, जिसके बाद उनकी हिम्मत बढ़ गई।

सीओ अलीगंज दीपक कुमार सिंह के मुताबिक प्रारंभ में आरोपितों ने बीयर की शॉप पर दो हजार के नोट चलाने की कोशिश की थी। कुछ स्थानों पर दुकानदारों ने नोट रख लिए थे। इसके बाद उन्होंने स्वयंसेवी संस्थाओं से संपर्क करना शुरू किया। आरोपित एनजीओ से किसी मद में उनको रुपये आरटीजीएस करने को कहते थे और उसके एवज में डेढ गुना या दोगुना रुपये नगद देने का झांसा देते थे। इसके लिए उन्होंने अपने एक परिचित के भैरव सेवक संस्थान नाम के एनजीओ से भी संपर्क किया था।

अब तक की पूछताछ में यह पता चला है कि आरोपित किसी से रुपये बदल नहीं पाए थे। वह एक एनजीओ से संपर्क कर राजधानी रुपये बदलने आए थे। इसी बीच मुखबिर की सूचना पर उन्हें केंद्रीय विद्यालय के पीछे से गुरुवार सुबह करीब पौने छह बजे दबोच लिया गया। पुलिस बरामद नोट को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजेगी। एसएसपी ने टीम को 10 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। एसएसपी का कहना है कि गिरोह में शामिल अन्य लोगों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की जाएगी।

मनीष की ग्राम उद्योग विभाग इलाहाबाद में सहायक विकास अधिकारी के पद पर दो साल पहले ही नौकरी लगी थी। उसका फुफेरा भाई यमन बीटीसी कर चुका है, जबकि अमित बीएससी पास है और नेहरू नगर दिबियापुर औरैया का मूल निवासी है।

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