एटा– सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ स्वास्थ्य विभाग को लेकर कितने ही गम्भीर कियो ना हों लेकिन एक अस्पताल में डॉक्टर ने मानवता को तार-तार कर दिया ताजा मामला जनपद के अलीगंज अस्पताल का है, जहां एक घायल मरीज दर्द से तड़पता रहा।
लेकिन डा. साहब का दिल नही पसीजा और वो फोन पर लगे रहे इतना ही नही वह बात करते – करते घायल मरीज का बिना इलाज किए ही वहां से चले गए। खबर के मुताबिक घायल युवक अरमान के ऊपर अलीगंज के अस्पताल का गेट गिर जाने की वजह से उसके सिर में गम्भीर चोट आई जिसके बाद घायल युवक को स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल पहुचाया गया।
जहां अलीगंज सामुदायक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सको की मानवीयता उस समय तार-तार होते हुए दिखाई दी जब हवा में गिरे अस्पताल के बोर्ड से गंभीर रूप से घायल हुए अरमान पुत्र भूरे निवासी अलीगंज दर्द से तड़पता रहा था और ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य अधीक्षक डॉ. राजेश शर्मा ने उसे देखने की जहमत तक नहीं उठाई और वहां से अपने निजी काम का बहाना बता कर निकल गए।
परिजनों के कहने व काफी मिन्नतें करने के वाबजूद भी उन्होंने उसे नही देखा जबकि गम्भीर चोट आने से घायल युवक अरमान खून से सने हुए को देखकर व उसकी माँ की चीख सुनकर भी डॉ राजेश शर्मा का मन नही पसीजा और डॉक्टर जैसे पवित्र रिश्ते को शर्मसार करते हुए मानवता को तार तार कर दिया। वही अहम पहलू ये है कि गंभीर रूप से घायल युवक का उपचार घण्टो बाद डॉक्टर के ना आने पर वहा पर तैनात एक कर्मचारी ने पट्टी कर दी।
वही ये स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही की संवेदनहीनता के चलते घायल के परिजनों ने अलीगंज स्वास्थ्य अधीक्षक डॉक्टर राजेश शर्मा सहित अन्य डॉक्टरों की शिकायत थाना अलीगंज कोतवाली में की है। इसके बाद पुलिस ने घायल का स्वास्थ्य परीक्षण कराया है। जब वहां पर मौजूद एक पत्रकार ने डॉक्टर साहब से घायल के इलाज करने की फोन पर बात की तो डॉक्टर साहब ने पत्रकार को धमकाते हुए उनकी पत्रकार की डिग्री मांगने लगे जबकि डॉक्टर साहब को उसका इलाज करना पहले जरूरी था ऐसे में पत्रकार की डिग्री की किया जरुरत थी।
ऐसे में सवाल उठता है कि इस तरह के डॉक्टरो को क्या कहा जाए भगवान या हैवान जब इस पूरे मामले पर हमने सीएमओ से बात करने की कोशिश की तो वह भी कैमरे के सामने बोलने से बचते नजर आए।
(रिपोर्ट- अार. बी. द्विवेदी, एटा)