न्यूज डेस्क — जमाना बदल रहा है भाईया ! आम तौर पर दूल्हों की बारात निकलती है और बाराती उसमें नाचते-झूमते नजर आते हैं, लेकिन कोई दुल्हन अपनी बारात निकाले और बाराती उसके साथ झूमते गाते दूल्हे के घर जाएं ऐसा विरले ही होता है.
कुछ ऐसा ही नजारा दिखने को मिला पटना के दानापुर में, जहां बैंड, बाजा और बाराती के साथ लोग एक दुल्हन की बारात का गवाह बने.और देखने वालों को आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा.दरअसल बारात बग्घी पर सज-धज कर निकली, जिस पर असिस्टेंट बैंक मैनेजर स्नेहा बतौर दुल्हन सवार हुईं और मनेर से दानापुर के आनंदबाजार स्थित आर्मी मैरेज हॉल में अपने दूल्हे नेवी कैप्टेन अनिल कुमार यादव के पास जा पहुंची.
बाराती में गांव समाज के लोगों के साथ रिश्तेदार फ़िल्मी गानों के बोल पर थिरकते नजर आए. वहीं दूल्हा भी अपनी दुल्हन के बारात का इंतजार करता रहा और जब दुल्हन उसके सामने आई तो हाथों में हाथ लेकर उसे मंच पर लाया और फिर दोनों ने एक दूसरे कों जयमाला पहनाया.ये विवाह पूरी तरह से दहेजमुक्त रहा, जहां दुल्हन की बारात निकालने की नई रिवाज के साथ-साथ दहेज मुक्त समाज बनाने का मिसाल कायम किया.
वहीं दुल्हन स्नेहा ने बताया कि मेरी मां ने हम तीन बहनों को ऐसे संस्कार दिए हैं, जो हमारे समाज में आमतौर पर लड़कों को ही दिए जाते हैं. हम तीनों बहनों ने खुद अपनी मंजिल तय की, लेकिन मां-बाप की सहमति पर. मां समाज के पुराने रीति-रिवाजों को नहीं मानती हैं, पिता जी ने भी हमेशा हम बहनों को सामाजिक बंधनों से मुक्त रखा. वहीं
दूल्हे अनिल ने बताया कि दोनों ने एक साथ पढ़ाई की और फिर अब शादी कर रहे हैं. साथ ही जिस तरह से दुल्हन की बारात निकाली गई उससे हमें काफी खुशी मिली.बिहार में हुई ये शादी अपने आप में खास थी. शादी पूरी तरह से दहेजमुक्त थी, ऐसे में जिसे भी इसकी जानकारी मिली, वो एक बार दूल्हा-दुल्हन को आशीष देने जा पहुंचा.