लखनऊ — आशियाना क्षेत्र के सिटी गर्ल्स कॉलेज की आठ छात्राओं व उनके अभिवावको ने मंगलवार को कॉलेज में पंहुचकर जमकर हंगामा काटा। छात्राओं का आरोप था कि मेरिट के आधार पर उनका कॉलेज में एडमीशन हुआ था।वहीं छात्राओं ने ढाई लाख रुपये डोनेशन लेने का आरोप लगाया है।
फीस जमा होने के बाद आठों छात्राओं को 6 महीने तक कॉलेज में पढ़ाया भी गया और हाल ही में बताया गया कि आठो छात्राओं का डाइट में रजिस्ट्रेशन नही हो पाया। जिसकी वजह से उन्हे कॉलेज से निकाला जा रहा है।मंगलवार को छात्राओं की जब मैनेजमेन्ट ने कोई फरियाद नही सुनी तो उन्होने आशियाना पुलिस को जानकारी दी। मौके पर पंहुची पुलिस ने बुधवार को दोनो पक्षों को थाने बुलाया है और शिक्षा विभाग से शिकायत करने की बात भी कही है।
दरअसल आशा गुप्ता, प्रियंका, अंजली, पिंकी मौर्या, रीता व प्रांजली रावत ने बताया कि बचपन से उनका टीचर बनने का सपना था। अगस्त 2017 में मेरिट के आधार पर आशियाना के रतनखण्ड स्थित सिटी गर्ल्स कॉलेज में एडमीशन लिया था। कॉलेज द्वारा उसी वक्त फीस व अन्य खर्चो समेत कुल 61 हजार रूपये भी जमा करवाये गये थे। बीते शुक्रवार को जब सभी छात्राएं पढ़ने आयी तो आठ छात्राओं को चिनहट स्थित हेड ब्रान्च जाने को कहा गया। जब आठो छात्राएं वहो पंहुची तो कहा गया कि डाइट मे रजिस्ट्रेशन नही हो पाया था इसलिए आठो छात्राएं इस साल परिक्षा नही दे सकती।
छात्राओ को जैसे ही जानकारी हुई तो सभी ने अपने परिजनो को जानकारी दी। आठो छात्राएं प्रदेश के कोने कोने से यहां पढ़ने आयी थी तो उनके अभिवावक सोमवार को लखनऊ पंहुचे, मंगलवार को जब स्कूल खुला तो छात्राएं अपने अभिवावको के साथ कॉलेज पंहुची और जमकर हंगामा व नारेबाजी की। मैनेजमेन्ट वालो ने छात्राओं को बुलाया लेकिन परिक्षा देने की बात पर ढाई लाख रूपये की मांग करने लगे। इसके बाद भी जब छात्राओं ने विरोध किया तो उन्हे खदेड़ कर बाहर निकाल दिया गया। छात्राओ ने तुरन्त पुलिस को सूचना दे दी।
पुलिस मौके पर पंहुची तो कॉलेज की प्रधानाचार्या अम्रता सक्सेना समेत सभी जिम्मेदार लोग स्कूल से रफूचक्कर हो गये। पुलिस ने छात्राओं से तहरीर ले ली है और मैनेजमेन्ट को बुधवार को आशियाना थाने बुलवाया है। वहीं आशियाना इन्सपेक्टर का कहना है कि मैनेजमेन्ट से बात करने के बाद शिक्षा विभाग को थाने द्वारा लेटर लिखा जायेगा। वहीं छात्राओं का कहना है अगर उन्हे परिक्षा देने को नही मिली तो वह कॉलेज में ही आत्मदाह कर लेंगी और तब तक कॉलेज भी नही चलने देंगी।
(रिपोर्ट-अंशुमान दुबे,लखनऊ)