UP News: मुख्यमंत्री योगी का विजन है कि प्रदेश के सबसे पुराने औद्योगिक शहर कानपुर के साथ-साथ इसके आठ पड़ोसी जिलों का भविष्य की जरूरतों के हिसाब से विकास हो। मुख्यमंत्री के विजन को मिशन मानते हुए कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) ने जीआईएस आधारित महायोजना-2051 तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
UP News: इन आठ शहरों का होगा विकास
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन को मिशन मानते हुए कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) ने जीआईएस आधारित महायोजना-2051 तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया के तहत बांदा, हमीरपुर, फतेहपुर, जालौन, औरैया, कन्नौज और कानपुर नगर व ग्रामीण क्षेत्रों के अंतर्गत कुल 20,094 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विकास योजनाओं को गति देने के लिए कानपुर क्षेत्रीय एकीकृत प्राधिकरण (क्रीडा) के निर्धारण का काम पूरा करने पर फोकस किया जा रहा है। यह इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास के साथ-साथ जीवनयापन में आसानी को बढ़ावा देने वाला कदम साबित होगा।
कानपुर की पहचान प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित औद्योगिक शहरों में से एक के रूप में रही है। इसके बावजूद कानपुर और उसके आसपास के जिलों में असंतुलित नगरीय विकास की समस्या देखने को मिलती है। ऐसे में योगी सरकार उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र और अन्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2024 के जरिए प्रदेश के विभिन्न इलाकों में संतुलित और सामंजस्यपूर्ण शहरीकरण को बढ़ावा देने के काम को आगे बढ़ा रही है।
दिल्ली-एनसीआर की तर्ज होगा विकास
इस कड़ी में कानपुर क्षेत्र के परिसीमन के साथ ही आठ जिलों को शामिल कर दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर कानपुर क्षेत्रीय एकीकृत प्राधिकरण (क्रीडा) के निर्धारण का काम पूरा करने पर फोकस है। इस काम को पूरा करने के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित महायोजना-2051 के निर्माण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने जा रही है। कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) को यह काम पूरा करना है, जिसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। कानपुर क्षेत्रीय एकीकृत प्राधिकरण (क्रीडा) के क्रियान्वयन का फोकस क्षेत्रीय योजना तैयार करने पर है, जिससे क्षेत्र में भूमि उपयोग के नियंत्रण और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सुसंगत नीतियां उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।
इस कार्य को पूरा करने का माध्यम मास्टर प्लान-2051 होगा। यह एक व्यापक रणनीति होगी, जो क्षेत्रीय योजना के क्रियान्वयन, समन्वय और निगरानी के लिए एक तंत्र की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करेगी। इससे कानपुर के उपनगरीय क्षेत्रों के आसपास बेतरतीब विकास पर नियंत्रण होगा और उद्यमियों को संगठित निवेश के अवसर मिलेंगे। इससे शहर के विकास, औद्योगिक क्षेत्रों और आवासीय-गैर आवासीय संरचनाओं के निर्माण सहित भविष्य की जरूरतों के अनुसार सभी संसाधनों के विकास, संचालन और प्रबंधन की प्रक्रिया को बल मिलेगा। इस कार्य को पूरा करने के लिए एक विशिष्ट टीम तैनात की जाएगी, जिसकी प्रक्रिया जारी है।
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