बहराइच– यूपी में आजकल योगी सरकार के मंत्रियों के साथ बीजेपी नेताओं का ग्रामीण इलाकों में अधिकारियों के साथ चौपाल व रात्रि प्रवास चर्चा का विषय बनता जा रहा है।
ऐसे कार्यक्रमो के जरिये सरकार अपनी योजनाओं का प्रचार प्रसार करने के साथ इनका धरातल पर शत प्रतिशत अमलीकरण हो भी रहा है अथवा नही इसका पता लगाने की कोशिश कर रही है। इन कार्यक्रमों में जहां कुछ महिलाओं को गैस चूल्हा देकर उज्ज्वला योजना कुछ को प्रधानमंत्री आवास की चाभी देकर प्रधान मंत्री आवास योजना व कुछ को सरकारी प्रमाण पत्र देकर ये बताने की कोशिश हो रही है है कि ये सब मोदी योगी सरकार की ही देन है। लेकिन इस सबसे इतर ऐसे कार्यक्रमों में जो रात के अंधेरे में कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था में आयोजित हो रहे हैं इनमे सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का इस्तेमाल इस पूरी कवायद को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है।
बहराइच में बीती रात बेशिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल का उनकी विधानसभा बहराइच सदर अंतर्गत इटौंझा गांव के प्राथमिक विद्यालय में जिले के सभी विभागीय अधिकारियों संग चौपाल व रात्रि प्रवास का कार्यक्रम था। मंत्री महोदया रात को तकरीबन 9 बजे उस कार्यक्रम में पहुंची। तय शुदा शेड्यूल के साथ पहले स्कूली बच्चों ने मंत्री के समक्ष सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया बाद में स्वागत गीत गाया। लेकिन काफी देर तक कार्यक्रम स्थल पर समय बिताने के बाद रात के अंधेरे में नंगे पावँ सड़क पर कुछ बच्चे ऐसे भी मिले जिन्होंने योगी सरकार की इस पूरी व्यवस्था पर कई सारे सवाल खड़े कर दिए। रात के अंधेरे में अपने माँ बाप की मौजूदगी के बिना सड़क पर रोते बिलखते बच्चों का कहना था कि उन्हें इस कार्यक्रम के लिए कई घंटों पहले बुलाया गया था।
दो सगे भाई बहन गुड़िया व दिवाकर जो बाकायदा योगी सरकार की प्राथमिक विद्यालयों में वितरित पोशाक में थे उनमें से 6-7 वर्षीय दिवाकर जो कि कक्षा 2 का छात्र था और वो उसी इटौंझा प्राथमिक विद्यालय का छात्र था जिसमे ये सरकारी कार्यक्रम हो रहा था इसके मुताबिक दोपहर से ही ये बच्चा यहां मौजूद रहकर सरकारी ताम झाम का हिस्सा बना रहा इसके मुताबिक इसे स्कूल की मैडम ने बुलाया था। दिवाकर की बहन गुड़िया जिसकी उम्र भी तकरीबन 8 वर्ष ही होगी उसका कहना था उसे स्कूल की मैडम ने शाम 6 बजे ही बुला लिया था ये पूंछने पर की आखिर ये बच्चा रो क्यों रहा है दिवाकर की बहन गुड़िया ने बताया ये घर जाना चाहता है। इसे खाने को मिला कि नही इस पर उसका कहना था कि उसे खाने के लिए कुछ भी नही मिला। उसके साथ रात के अंधेरे में घर जाने के लिए कौन हैं उसके माता पिता कहां हैं? तो उसने कहा की माता पिता घर पर हैं।
अब ऐसे में जबकि मंत्री के कार्यक्रम को बेहतर बनाने के लिए प्राथमिक विद्यालय की सबसे अमूल्य धरोहर वहां के बच्चों को वहां बुला तो लिया गया लेकिन किसकी सुरक्षा में वहां बुलाया गया और आखिर क्यों ? बिना खाये पिये इन बच्चों को रात के अंधेरे में बिना इनके माता पिता के कैसे जाने दिया गया ये सारे सवाल अनुत्तरित हैं। इन सारे सवालों का जवाब जब बेशिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल से पूछा गया तो वो पूरी तरह असहज नजर आई। लॉजिक देने में महारथी मंत्री ने ये कहते हुए की उनकी लॉजिक के पैमाने पर ये सवाल बिल्कुल भी फिट नही की बच्चों को इतनी देर पहले क्यों बुलाया गया। उनके मुताबिक ये गांव है यहां ऐसा कुछ भी नही है लेकिन अगर ऐसा हुआ है और जिसने भी ऐसा किया है उसे इसकी पूरी जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी और उसके विरुद्ध कार्यवाही होगी।
(रिपोर्ट – अमरेंद्र पाठक , बहराइच )