तुर्की और सीरिया के लोगों ने सोमवार को तबाही का जो मंजर देखा, वो दशकों तक दर्द देने वाला है। यहां आए भूकंप (Turkey Earthquake) से भयानक तबाही जारी है। दोनों देशों में अब तक 4890 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। भूकंप की तीव्रता 7.8 थी। भूकंप के चलते कंपन इतना तेज था कि हजारों इमारतें ताश के पत्तों की तरह भरभराकर गिर गईं।
तुर्की प्रशासन का कहना है कि अभी तक 5606 इमारतें गिर चुकी हैं। तबाही का यही मंजर सीरिया में भी देखने को मिला है। भारतीय एयरफोर्स का C-17 विमान रेस्क्यू टीमों और राहत साम्रगी लेकर तुर्की के लिए रवाना हो गया है।
जानकारी के मुताबिक, तुर्की (Turkey Earthquake) और सीरिया में कम से कम 3800 लोग मारे गए हैं और करीब 15000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। देश के उपराष्ट्रपति फिएट ओकटे का हवाला देते हुए बताया रिपोर्ट में बताया गया कि 10 शहरों में 1,700 से अधिक इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। वहीं, सीरिया में कम से कम 783 लोग मारे गए और 639 घायल हो गए। इस्राइल और लेबनान में भी कई मौतों की आशंका जताई जा रही है।
भारत ने तुर्की को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। इसी के तहत एनडीआरफ की टीम और विेशेष प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड को तुर्किये के लिए रवाना किया गया। डिप्टी कमांडेंट दीपक तलवार ने बताया कि इस टीम में 47 एनडीआरएफ कर्मी और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं जो संयुक्त राष्ट्र के दिशानिर्देशों के अनुसार कार्य करते हैं। हमें दो टीमों के निर्देश मिले हैं। पहली टीम रवाना होने वाली है और दूसरी टीम सुबह रवाना होगी।
भूकंप से उड़ी लोगों की नींद
तुर्की और सीरिया की सीमा के दोनों छोरों पर निवासियों की नींद भूकंप से उड़ गई। ठंडी, बरसात व बर्फीली सर्दियों की रात में लोग बाहर निकल आए क्योंकि झटकों के बाद इमारतें एक तरफ झुक चुकी थीं और मजबूत झटके लगातार जारी थे। कई जगह इमारतें जमींदोज हो गईं। बचाव दल शहरों और कस्बों में मलबे के टीले खोजते दिखे, जहां कई लोगों के चीखने की आवाजें सुनी जा सकती थीं। भूकंप के झटके काहिरा तक महसूस किए गए।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र गजियांतेप से करीब 33 किलोमीटर दूर 18 किलोमीटर की गहराई पर था। यह सीरियाई सीमा से करीब 90 किलोमीटर दूर उत्तर में है। भूकंप के बाद करीब 20 झटके महसूस किए गए, जिनमें से सबसे शक्तिशाली झटका 6.6 की तीव्रता का था। तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने घटना के तुरंत बाद बचाव दलों को मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए हैं। बचावकर्मियों ने कहा कि तनावपूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं और अस्पताल जल्दी ही घायलों से भर गए हैं और मृतक व घायलों की संख्या काफी अधिक हो सकती है।
सीरिया लंबे समय से गृहयुद्ध की चपेट में है। सर्द मौसम और बारिश-बर्फबारी के बीच पहले ही नागरिक कई परेशानियों में फंसे थे जबकि भूकंप के बाद हालात और भी खराब हो गए। यहां कई केंद्रों में देश के अन्य हिस्सों से विस्थापित करीब 40 लाख लोग बदहाली में रह रहे हैं। व्हाइट हेल्मेट्स नामक विपक्षी आपातकालीन संगठन ने कहा कि सैकड़ों परिवार मलबे में फंसे हुए हैं। उधर, तुर्किये में भी इमारतें जमींदोज हो चुकी हैं।
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