फर्रुखाबाद — गरीबों के निवाले पर हर किसी की नजर है। उनके ही निवाले से कई जिम्मेदारों की तिजोरियां भी भर रही हैं। यह गोरखधंधा यूपी के फर्रुखाबाद जनपद में एफसीआई के सात गोदाम में फल फूल रहा हैं। सभी पर डिपो से जो अनाज के पैकेट पहुंचते हैं, उनका वजन कभी पूरा नहीं होता है।
आपको बता दें कि 52 किलो के पैकेट में 41 से 50 किलो राशन निकलता है। इस बात की पुष्टि निरीक्षण में भी कई बार हो चुकी है। पर कार्रवाई किसी पर नहीं हुई है। अकेले कमालगंज के गोदाम पर ही प्रति माह औसतन छह लाख रुपये की घटतौली होती है। इस तरह जनपद के सातों गोदामों पर करीब 42 लाख रुपये का गरीबों का राशन हजम हो जाता है।
दरअसल कमालगंज-जहानगंज रोड स्थित एफसीआई गोदाम में अंत्योदय कार्ड धारकों के लिए लगभग 820.80 क्विंटल चावल, 1094.60 क्विंटल गेहूं, पात्र गृहस्थी के लिए 3206.54 क्विंटल चावल और 4809.81 क्विंटल गेहूं का आवंटन जिला मुख्यालय से किया जाता है। इस प्रकार कुल मिलाकर लगभग दस हजार क्विंटल अनाज (20,000 पैकेट) हर माह गोदाम पर आता है। इसमें प्रति पैकेट चार से पांच किलो कम होता है।
सूत्रों की मानें तो बीस हजार पैकेट में औसतन दो किलो भी अनाज कम माना जाए तो भी गोदाम में 40 हजार किलो यानी चार सौ क्विंटल अनाज का हेरफेर होता है, जबकि राशन कोटेदारों को लिखापढ़ी में एक पैकेट में 52 किलो अनाज दिया जाता है। 40 हजार किलो अनाज बिचौलियों के हाथों बाजार में बेच दिया जाता है। इसका बाजार में मूल्य लगभग छह लाख रुपये तक होता है।
यह रुपया राजनैतिक व्यक्ति से लेकर नीचे से ऊपर अधिकारियों तक बांटा जाता है। इसी का नतीजा है कि गरीबों की कहने वाला कोई नहीं है। एक क्विंटल गेहूं का भाव बाजार में 1700 रुपये है।
(रिपोर्ट-दिलीप कटियार,फर्रुखाबाद)