लखनऊ–किसी मामूली इंसान द्वारा फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी करने की घटनाएं तो आये दिन सामने आती रहती हैं ; लेकिन हैरत तो तब होती है जब एक बड़े अफसर का बेटा ही इस तरह से फर्जीवाड़े से नौकरी कर रहा हो। ऐसा ही एक मामला राजधानी में सामने आया है।
यहां 2013 में सहकारिता विभाग में भर्तियों के लिए बने सहकारी संस्थागत सेवामंडल ने राज्य भंडारण निगम के लिए उप प्रबंधक, प्राविधिक सहायक, कनिष्ठ कार्यालय सहायक और चौकीदार के पदों पर करीब चार दर्जन भर्तियां की थीं। उस समय सेवामंडल के मुखिया का दायित्व भी भंडारण निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक ओंकार यादव के पास था। यहां सेवा मंडल ने 2013 में लैकफेड घोटाले की जांच कर रहे चर्चित डिप्टी एसपी आदित्य प्रकाश गंगवार के बेटे अभय गंगवार की भर्ती उप्र राज्य भंडारण निगम में सहायक प्रबंधक के पद पर की थी। जांच में अभय गंगवार की एमबीए की डिग्री फर्जी पाई गए। बीते सप्ताह अभय गंगवार को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। विभागीय अधिकारियों की मानें तो भर्ती के समय अभय गंगवार ने अपने शैक्षिक प्रमाणपत्रों के साथ आईआईपीएम बेंगलुरु से एमबीए की डिग्री लगाई थी।
बता दे भर्ती के कुछ दिन बाद ही अभय गंगवार की डिग्री फर्जी होने की शिकायतें मिलने लगीं, लेकिन विभागीय अधिकारी शिकायतों को दबाते रहे। सरकार बदलने के बाद फिर शिकायतें शुरू हुईं तो विभाग ने एमबीए डिग्री की जांच यूजीसी से करवाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखा। सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय ने जांच कर अपना जवाब भेजा, जिसमें डिग्री के फर्जी होने का उल्लेख था। उसी दिन हुई भंडारण निगम बोर्ड की बैठक में भी फर्जी डिग्री का मामला जोर-शोर से उठा। बैठक में अभय गंगवार को बर्खास्त किए जाने का फैसला होने के बाद एमडी आलोक कुमार ने उसकी बर्खास्तगी का आदेश भी जारी कर दिया। हालांकि, वह इस मामले में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।