कानपुर– यूपी के मुख्यमंत्री और उनकी मातृ छाया गाय; जिसकी सुरक्षा अभियान को नुकसान पहुँचाने की जहमत भला कौन उठा सकता है, लेकिन लगातार बढ़ती संख्या ने उल्टा योगी सरकार की चिंता को उस समय बढ़ा दिया; जब किसानों की फसल को नुकसान पहुँचने लगा।
जिस पर विचार विमर्श करते हुए मुख्यमंत्री ने अपने फैसले को संसोधित किया।जिसके तहत ऐसे शहरी व ग्रामीण इलाके जहां आवारा गाय किसी को नुकसान पहुँचाती हैं तो दोनों स्थिति में जिले के डीएम की जिम्मेदारी होगी। साथ ही सूचना मिलते ही तत्कालीन पास के गौशाले पहुँचाया जाए या फिर काल्पनिक रैन बसेरा बनाकर गायों को रखा जाए,लेकिन फरमान के चार दिन ही बीते थे कि कानपुर के सचेंडी थाना क्षेत्र के घनश्यामपुर कटरा गाँव मे किसानों का आक्रोश देखा गया। जिसमें फसलों को नुकसान पहुँचा रही दर्जनों गायों को दौड़ाकर पास के सरकारी स्कूल में कैद कर दिया गया।
जिसकी सूचना मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारी मौके पर तो पहुँचे,लेकिन व्यवस्था के नाम पर किसानों को ही सलाह देकर वापसी कर ली। जबकि सरकार का साफ आदेश है कि तत्काल व्यवस्था न करने पर संबंधित थाना क्षेत्र के साथ ही जिलाधिकारी की मुख्य जिम्मेदारी होगी। लेकिन कानपुर में जिलाधिकारी का तो नामो-निशान नही दिखा, बल्कि सचेंडी थाने के इस्पेक्टर ने भी जिम्मेदारी से साफ इंकार कर दिया।
(रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा, कानपुर)