राजधानी लखनऊ समेत पूरी यूप में डेंगू और वायरल बुखार के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। डेंगू जैसे लक्षण वाले बुखार के कारण इस समय सरकारी अस्पतालों के बिस्तर भरे हुए हैं। चिकित्सकों के मुताबिक इन मरीजों में प्लेटलेट्स काफी कम पाए जाते हैं लेकिन डेंगू की जांच कराने पर रिपोर्ट निगेटिव आती है।
स्वास्थ्य विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद डेंगू का प्रकोप कम नहीं हो रहा है। हाल के दिनों में डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। पिछले कुछ दिनों में मुरादाबाद, कानपुर नगर, लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर में डेंगू का प्रकोप बढ़ गया है। लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में चार सौ से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। लखनऊ में प्रतिदिन करीब तीन दर्जन डेंगू के मरीज आ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में लखनऊ में डेंगू के 36 नए मरीज मिले हैं।
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डेंगू जैसे लक्षण वाले बुखार के कारण इस समय सरकारी अस्पतालों के बेड और मेडिसिन वार्ड फुल हैं। लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में चार सौ से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। इन मरीजों में प्लेटलेट्स काफी कम पाए जाते हैं लेकिन डेंगू की जांच कराने पर रिपोर्ट निगेटिव आती है।
बलरामपुर अस्पताल में बुखार के 160 और डेंगू के 16 मरीज भर्ती हैं। लोकबंधु अस्पताल में बुखार के 77 और डेंगू के 25 मरीज भर्ती हैं। डॉक्टर इसे नॉन-डेंगू सिंड्रोम मान रहे हैं। सिविल में बुखार के 80 और डेंगू के 32 मरीज भर्ती हैं। सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि डेंगू बुखार कई प्रकार का होता है लेकिन सभी की जांच की सुविधा नहीं है।
बेड बढ़ाने के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डेंगू के मरीजों के लिए अस्पतालों में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को डेंगू की रोकथाम के लिए किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा करते हुए कहा कि डेंगू से पीड़ित हर मरीज को समय पर इलाज मिलना चाहिए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी हॉटस्पॉट की स्थिति उत्पन्न न हो।
केजीएमयू में 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी प्लेटलेट्स
लखनऊ में डेंगू के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके चलते केजीएमयू में रोजाना 200 यूनिट प्लेटलेट्स की खपत हो रही है। डेंगू के बढ़ते प्रकोप और डेंगू मरीजों के लिए प्लेटलेट्स की जरूरत को ध्यान में रखते हुए अब केजीएमयू में प्लेटलेट्स एफेरेसिस प्रक्रिया को 24 घंटे चलाने का निर्णय लिया गया है। इससे अब डेंगू के मरीजों को 24 घंटे प्लेटलेट्स मिल सकेंगे। अभी तक केजीएमयू में सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक ही प्लेटलेट्स एफेरेसिस प्रक्रिया होती थी।
प्लेटलेट काउंट कम हो तो घबराएं मत
सिविल अस्पताल के डॉ।. एन.बी. सिंह ने बताया कि डेंगू बुखार का वायरस इसी मच्छर के माध्यम से एक प्रभावित व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में फैलता है। वायरस तेजी से शरीर में प्रवेश करता है। डॉ. एन.बी. सिंह ने कहा कि डॉक्टर की सलाह पर बुखार कम करने के लिए पैरासिटामोल दवा ले सकते हैं। शरीर में पानी की कमी को रोकने के लिए आवश्यकतानुसार तरल पदार्थ और ओआरएस घोल का सेवन करें।
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