कानपुर– गंगा प्रदूषण की जांच करने निकली भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून की टीम गुरुवार तक डॉल्फिन समेत जलीय जीवों के अस्तित्व पर खतरा जता रही थी वहीं इसी टीम ने शुक्रवार को दावा किया कि फर्रुखाबाद से कानपुर के बीच डॉल्फिन के दो झुंड दिखे हैं। यह भी बताया कि कन्नौज और बिठूर बॉर्डर पर 10 से 15 डॉल्फिन का पूर परिवार नजर आया है।
भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून की एक टीम बिजनौर से लेकर बलिया तक गंगा का सर्वे कर रही है। दो दिन पहले टीम बैराज पर पहुंची थी। पानी कम होने के चलते उन्होंने फिलहाल अपनी यात्रा रोकी हुई है। टीम के लीडर आफताब ने बताया कि फर्रुखाबाद से गंगा बैराज के बीच में कन्नौज और बिठूर बार्डर पर डॉल्फिन के झुंड नजर आया है।
यह पूरे परिवार की तरह है। इनमें छोटी से लेकर बड़ी सभी डॉल्फिन हैं। उनके मुताबिक डॉल्फिन के झुंड का दिखना अच्छे संकेत है। इससे गंगा की स्थिति साफ होती नजर आ रही है। पिछले सर्वे में डॉल्फिन कम दिखी थी। इस बार काफी है। गुरुवार को भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून की टीम की ओर से दी गई जानकारी में कानपुर से फर्रुखाबाद के बीच डॉल्फिन गायब हो चुकी बताया गया था।
कानपुर से फर्रुखाबाद की बीच हुई शवो की संख्या कम
टीम लीडर ने बताया कि पिछले वर्ष किए गए सर्वे में कानपुर से फर्रुखाबाद के बीच में काफी तादात में मनुष्य के शव गंगा में नजर आ रहे थे। इस बार के सर्वे में कानपुर से फर्रुखाबाद के बीच शवों की संख्या काफी कम हो गई है। यह अच्छे संकेत हैं। इससे स्पष्ट है कि लोगों में जागरूकता बढ़ी है। इसलिए गंगा में शव कम प्रवाहित हो रहे हैं।
आयरलैंड भी नजर आने लगे
कानपुर से फर्रुखाबाद के बीच गंगा के इर्द-गिर्द खत्म हो चुके आयरलैंड एक बार फिर से टीम को दिखे हैं। इनमे गंगा किनारे आने वाले विदेशी पक्षियों का प्रजनन होता है। टीम लीडर ने बताया कि आयरलैंड काफी होने चाहिए। इसमे जलीय-जीव जन्तु रहते हैं। कई बाहरी पक्षी भी आकर उनमे अपने अंडे देते हैं। इससे प्रजनन बढ़ता है।