बलिया– जिला चिकित्सालय में डॉक्टर की पिटाई से आक्रोशित डाक्टरों ने दूसरे दिन भी कार्य का बहिष्कार किया। ओपीडी बन्द होने से जहां मरीजो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।वही नाराज डाक्टरों की मांग है कि जब तक जिला प्रसाशन डाक्टरों की सुरक्षा और और आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं करता वो काम पर नहीं लौटेंगे।
कहते है डाक्टर भगवान होता है पर भगवान भी अब अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हो गए है। बलिया जनपद में महज़ एक सप्ताह में सरकारी डाक्टरों पर तीन बड़े हमले हुए है जिनमे दो दिन पूर्व जिला अस्पताल में देर रात कुछ लोगों ने एक डाक्टर के साथ मारपीट की। लगातरा डाक्टरों के साथ मारपीट की घटनाओं से नाराज डाक्टरों ने काम बंद कर दिया है लिहाजा जिला अस्पताल सहित जनपद की सभी ओपीडी सेवाएं बंद हैं । हड़ताल के दुसरे दिन भी नारज डॉक्टर काम पर नहीं लौटे हालांकि इमरजेंसी और पोस्टमार्टम की सेवाएं जारी है ।
डाक्टरों के हड़ताल पर चले जाने और ओपीडी सेवाएं बंद होने से जिलाचिकित्सालय में आने वाले मरीजों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है । ऐसे में दूर दराज गावों से आने वाले मरीज बेहाल है और प्राइवेट डाक्टरों को भारी भरकम फीस देकर इलाज़ कराने को मज़बूर हो गए है। मरीजों का कहना है की डाक्टरों के साथ मारपीट करना गलत है पर डाक्टरों को मरीज़ों के बारे में सोचना चाहिए जो दर्द से कराहते हुए आते है और बेदर्द सिस्टम से निरास होकर वापस चले जाते है ।
( रिपोर्ट- मनोज चतुर्वेदी, बलिया )