डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही आयी सामने, नसबंदी के बाद भी महिला हो गयी गर्भवती 

बहराइच — परसोहर गांव निवासी एक महिला ने तीन वर्ष पूर्व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुस्तफाबाद पर लगे शिविर में नसबंदी कराया था। लेकिन नसबंदी के बाद भी महिला गर्भ से हो गई। अब उसे पांच माह का गर्भ है। इसकी जानकारी होने पर उसने सीएमओ व जिलाधिकारी को पत्र भेजकर लापरवाही बरतने वाले चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई करने के साथ मुआवजा दिलाने की मांग की है।

स्वास्थ्य विभाग परिवार नियोजन के लिए प्रतिवर्ष नसबंदी शिविर का आयोजन करता है। लेकिन इन शिविरों में नसबंदी के बाद भी महिलाएं गर्भवती हो रही हैं। ताजा मामला जरवल विकास खंड के ग्राम पंचायत परसोहर निवासी मंजू देवी पत्नी राजकुमार का आया है। गांव निवासी राजकुमार ने बताया कि वह काफी गरीब है।

पत्नी 36 वर्ष की हो गई थी। पांच बच्चे भी परिवार में है। ऐसे में नसबंदी कराने की बात सोंची। पत्नी से बात करने के बाद वर्ष 2014 में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुस्तफाबाद में शिविर लगा। यहां पर पत्नी का नसबंदी कराया गया। लेकिन नसबंदी के बाद भी महिला को पांच माह का गर्भ हो गया। पति ने जब इसकी जांच कराई तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई।

उसने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अरुण कुमार पांडेय व जिलाधिकारी को पत्र भेजकर लापरवाह चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग करते हुए मुआवजा दिलाने की मांग की है। राजकुमार ने कहा कि नसबंदी के बाद भी जन्म लेने वाले बच्चे की परवरिस व पढ़ाई-लिखाई के 10 लाख रुपये का खर्च प्रदेश सरकार करे। इसके लिए वह धरना प्रदर्शन भी करेगा। 

पहले से हैं पांच बेटे 

परसोहर गांव निवासी मंजू ने बताया कि उसके पहले से ही पांच बेटे व बेटियां हैं। इनमें नीरज कुमार (16), शिवम (13), गंगन कुमार (10), अमन (8) तथा विवेक (5) हैं। पुन: बच्चे को जन्म देने पर परिवार में एक सदस्य की संख्या और बढ़ जाएगी। 

जांच कराकर करेंगे कार्रवाई, मिलेगा मुआवजा

जरवल के परसोहर गांव में नसबंदी के बाद महिला के गर्भवतीहोने की जानकारी नहीं थी। अब पता चला है। टीम भेजकर जांच कराई जाएगी। जांच के बाद लापरवाही बतरने वाले चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई होगी। महिला को मुआवजा भी प्रदान किया जाएगा। डॉ. अरुण कुमार पांडेय सीएमओ।

रिपोर्ट-अनुराग पाठक,बहराइच

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