फतेहपुर–उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जहाँ सरकारी अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए सभी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कृतसंकल्प नजर आ रही है और इसके लिए लगातार प्रयास भी कर रही हैं।
जनपद फ़तेहपुर के जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में जिला अस्पताल के कुछ डॉक्टरों व कर्मचारियों का मरीजों के इलाज के नाम पर कमीशन का खेल जारी है। आजकल जिला अस्पताल का ट्रामा सेंटर प्राइवेट एम्बुलेंस के कारण चर्चा का विषय बना रहता है। ऐसा ही मामला आज ट्रामा सेन्टर में देखने को मिला जब एक मामले में डॉक्टर के ऊपर घायल मरीज को बिना देखे कानपुर रिफर करने का आरोप लगा।
बता दें कि सदर कोतवाली के इस्माइलगंज मुहल्ले के रहने वाली दाया पत्नी राजेश कुमार का पुत्र 01 मार्च 2020 को दुर्घटना में घायल हो गया था, जिसको घायल अवस्था मे जिला अस्पताल में लाया गया था जहाँ से दाया के पुत्र को चिकित्सक द्वारा बिना देखे कानपुर रिफर कर दिया गया और उसे प्राइवेट एम्बुलेंस से ले जाने को कहा गया। कानपुर में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। और तो और मृतक का शव 20 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी मर्चरी में रखा गया और पुलिस को इसकी सूचना भी नही दी गई है। जिसके लिए मृतक की माँ दाया ने मुख्य चिकित्साधिकारी को पंचनामा व पोस्टमार्टम कराने का प्रार्थनापत्र दिया है।