इकलौते बेटे की मौत का सदमा नहीं बर्दाश्त कर सकी मां , तोड़ा दम

फर्रुखाबाद–इकलौते बेटे की मौत का सदमा मां बर्दाश्त नहीं कर सकी और उसकी भी मौत हो गई। वहीं अस्पताल में बालक के इलाज को लेकर हुई कहासुनी के बाद डॉक्टर व उनके स्टाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

शनिवार को एक साथ घर से जब दो शव उठे तो पूरा गांव ही रो पड़ा। मऊदरवाजा थाने के सलेमपुर रतन गांव निवासी शैलेंद्र वर्मा का छह वर्षीय बेटा अंशुल शुक्रवार शाम घर के बाहर खेल रहा था। खेलते खेलते उसकी तबियत खराब हो गई और मुंह से झाग निकलने लगा। इस पर घबराए चाचा अखिलेश कुमार,सत्यभान सिंह व बहन रूपवती अंशुल को इलाज के लिए जसमई के डाक्टर रूप सिंह कुशवाहा के यहां लेकर पहुंची। अखिलेश का आरोप है कि डाक्टर ने इलाज के लिए बीस हजार रुपए जमा करा लिए। इलाज शुरू होने से पहले ही भतीजे अंशुल की मौत हो गई। जब हम लोगों ने पैसे मांगे तो डॉक्टर ने अस्पताल से जाने के लिए कह दिया।

कंपाउडर प्रदीप व एक महिला ने मेरी बहन के साथ मारपीट की। रात में ही घटना की जानकारी थाना पुलिस को दी गई। इस पर मऊदरवाजा थाने के इंस्पेक्टर पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। इधर इस मामले में अखिलेश ने डाक्टर व उनके स्टाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है। वहीं रात में जब अंशुल की मां अंजू को बेटे की मौत की खबर मिली तो उनकी भी हालत बिगड़ गई। गांव के लोग जब उन्हें ट्रैक्टर पर रखकर इलाज के लिए उन्हें शहर के अस्पताल ला रहे थे तो रास्ते में अंजू की भी मौत् हो गई। इस पर परिजन शव लेकर घर लौट गए।

शनिवार को एक साथ ढाईघाट श्मशानघाट पर मां-बेटे के शव का अंतिम संस्कार हुआ। चाचा अखिलेश ने बताया कि भतीजे की मौत की जानकारी मिलने पर भाभी अंजू की हालत बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई। वहीं परिवार के लोग शैलेश को ढांढस बंधा रहे हैं। शैलेश खेतीबाड़ी का काम करते हैं। चाचा अखिलेश का कहना है कि डाक्टर के खिलाफ पुलिस कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें। क्योंकि इनके स्टाफ ने बहन के साथ मारपीट की है और हम लोगों से भी अभद्रता की है।

(रिपोर्ट- दिलीप कटियार , फर्रुखाबाद )

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