बलरामपुर–बलरामपुर के प्रभारी मंत्री चेतन चौहान जब जिला संयुक्त अस्पताल (district hospital) के औचक निरीक्षण पर पहुँचे तो वहाँ का नजारा देख दंग रह गये। कई घंटो से मरीज अस्पताल में तडप रहे है लेकिन डाक्टर नदारद है।
यही नही गम्भीर मरीजों से आपरेशन के नाम पर पच्चीस हजार रुपये की रिश्वत भी माँगी गयी। मरीजों की दुर्दशा और अस्पताल (district hospital) में व्याप्त भ्रष्टाचार को देख मंत्री जी का पारा सातवें आसमान पर चढ गया। उन्होंने तत्काल आरोपी डाक्टर की सेवा समाप्त किये जाने और एक आरोपी फार्मासिस्ट को निलम्बित करने का आदेश दिया है। जिले के प्रभारी मंत्री चेतन चौहान आज योगी सरकार की तीन साल की उपलब्धियो का बखान करने पहुँचे थे।
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इसी बीच कोरोना वायरस की तैयारियों का जायजा लेने अचानक जिला संयुक्त अस्पताल (district hospital) पहुँच गये।वहाँ का नजारा देख मंत्री जी आपे से बाहर हो गये। अस्पताल (district hospital) में प्रवेश करते ही अस्पताल की भ्रष्ट व्यवस्था का शिकार चार गम्भीर मरीज मंत्री जी को मिल गये। 13 साल की बच्ची हर्षिता शुक्ला का पैर टूटा हुआ था। सुबह 11 बजे से ही इसके परिजन परेशान थे लेकिन हड्डी रोग विशेषज्ञ ज्ञान प्रकाश तिवारी ने इसके आपरेशन के लिये 25 हजार रुपये की रिश्वत माँगी थी।
यह सब सुनते ही मंत्री जी आग बबूला हो गये। उन्होने डीएम को तुरन्त डाक्टर ज्ञान प्रकाश तिवारी की सेवा समाप्त करने का आदेश दिया। इसके साथ ही फर्मासिस्ट राकेश कुमार वर्मा को निलम्बित करने का आदेश दिया है।
(रिपोर्ट-सुजीत शर्मा, बलरामपुर)