बहराइच — बदल रहे मौसम के बीच खसरा फैलने लगा है। तेजवापुर के कटहा और रुपईडीहा के बरगदहा गांव में खसरे से 25 से अधिक लोग बीमार हैं। जबकि सगी बहनों समेत तीन मासूमों की मौत हो गई। तीन मौतों के बाद स्वास्थ्य टीम गांव पहुंची है।
वहीं बीमार बच्चे जिंदगी-मौत से जूझ रहे हैं। उन्हें भर्ती करने के इंतजाम नहीं हुए हैं। दो बच्चों की हालत काफी नाजुक बताई जा रही है।तराई में मौसम परिवर्तन के साथ ही हर वर्ष खसरे का प्रकोप शुरू होता है। इस बार भी खसरा तेजी से फैलने लगा है। विकास खंड तेजवापुर अंतर्गत कटहा गांव में तीन दिन से खसरे का प्रकोप है। लगभग 12 बच्चे चपेट में हैं। गांव निवासी खलील के घर में उनकी तीन बेटियां खसरे से पीड़ित थीं। इनमें पांच वर्षीय पुत्री मनीषा की भोर में दो बजे के आसपास मौत हो गई। जबकि चार वर्षीय गुलफ्शां ने दिन में तीन बजे दम तोड़ा। छोटी बेटी बबली (3) जिंदगी-मौत से जूझ रही है।
उधर राजू की आठ वर्षीय पुत्री चांदनी की भी खसरे से मौत हो गई। जबकि गांव निवासी सबीना (10), रहीश (6), जाकिर (4), साकिब (16) समेत अन्य बच्चे बीमार हैं। गांव में खसरे से तीन बच्चों की मौत के बाद शुक्रवार सुबह जब ग्रामीण आंदोलन की मुद्रा में आए। तब आनन-फानन में सूचना पाकर संक्रामक रोग नियंत्रण कक्ष की टीम गांव भेजी गई। टीम ने परीक्षण कर बच्चों को दवाइयां दी हैं।
लेकिन हालत खराब होने के बावजूद किसी को जिला अस्पताल रेफर नहीं किया गया है। उधर रुपईडीहा थाना अंतर्गत बरगदहा गांव निवासी गांव में भी खसरा फैल गया है।गांव निवासी धीरज, गीता देवी, नीतू, पुष्पा, अल्पना वर्मा, हरिशंकर, पूनम समेत 13 से अधिक लोग बीमार हैं। यहां पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाबागंज के चिकित्साधीक्षक डॉ. अर्चित श्रीवास्तव, डॉ. अजीत कुमार श्रीवास्तव और डॉ. सुमित सिंह ने गांव पहुंचकर रोगियों का परीक्षण कर इलाज शुरू किया है।
दोनों स्थानों पर भेजी गई हैं चिकित्सीय टीमें
तेजवापुर और रुपईडीहा के गांव में खसरा फैलने की सूचना मिली है। दोनों स्थानों पर चिकित्साधिकारियों की टीमें भेजी गई हैं। पीड़ितों का इलाज किया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया जाएगा। अगर आवश्यकता हुई तो चिकित्साधिकारी कैंप कर रोगियों का इलाज करेंगे।डॉ एके पांडेय मुख्य चिकित्साधिकारी।
(रिपोर्ट-अमरेंद्र पाठक,बहराइच)